नई दिल्ली, 6 नवंबर 2024: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सितंबर में राजस्थान और दिल्ली के 27 स्कूलों में औचक निरीक्षण किया, जिसमें कई तरह की गंभीर खामियां पाई गईं। इनमें 22 स्कूल दिल्ली के और 5 स्कूल राजस्थान के थे, जिसमें सीकर और कोटा जिले के स्कूल शामिल हैं। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ये स्कूल बोर्ड के संबद्धता और परीक्षा मानदंडों के अनुसार छात्रों की उपस्थिति का पालन कर रहे हैं या नहीं।
निरीक्षण के दौरान कक्षा 9वीं और 12वीं में बड़ी संख्या में छात्रों की अनुपस्थिति पाई गई। इसके कारण 21 स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई। पहले इन स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 30 दिनों का समय दिया गया था, ताकि वे अनुपस्थित छात्रों की स्थिति पर स्पष्टीकरण दे सकें। हालांकि, संतोषजनक जवाब न मिलने पर सीबीएसई ने यह कठोर कदम उठाया।
सीबीएसई ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे एक अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति वाले प्रमुख राष्ट्रीय शिक्षा बोर्ड के रूप में, लंबे समय से शैक्षिक सुधारों, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रों के समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं। बोर्ड ने साफ किया कि सिर्फ कागजों पर चलने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई आवश्यक है। इसके जरिए भविष्य में ऐसे स्कूलों को कड़ा संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है।
निरीक्षण के बाद प्राप्त उत्तरों की गहन समीक्षा में बोर्ड ने पाया कि इन स्कूलों में छात्र उपस्थिति के संबंध में गंभीर लापरवाही बरती गई थी। इसके अलावा, सीबीएसई ने छह स्कूलों को सीनियर सेकेंडरी स्तर से सेकेंडरी स्तर पर डाउनग्रेड भी कर दिया।
इस कदम के जरिए सीबीएसई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि भविष्य में छात्र उपस्थिति और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई उन स्कूलों के लिए चेतावनी है जो वैध शैक्षिक मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं।