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डिजिटल डेटा सुरक्षा पर केंद्र सरकार का बड़ा कदम

Central government's big step on digital data security

केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियम, 2025 का मसौदा जारी किया है, जिसमें डेटा गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई व्यापक प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं। इस पहल का उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करना है।

बच्चों के डेटा की सुरक्षा को दी गई प्राथमिकता

मसौदा नियमों में नाबालिगों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। बच्चों के डेटा को प्रोसेस करने से पहले माता-पिता या अभिभावकों की सत्यापन योग्य सहमति लेना अनिवार्य होगा। इसके अलावा, बच्चों की प्रोफाइलिंग और उनके ऊपर लक्षित विज्ञापनों पर सख्त रोक लगाई गई है।

सहमति प्रबंधन प्रणाली से उपयोगकर्ताओं को मिलेगा अधिकार

सहमति प्रबंधकों की शुरुआत की जाएगी, जो उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा प्रोसेसिंग पर नियंत्रण देने में मदद करेंगे। यह प्रणाली उपयोगकर्ताओं को सहमति देने, समीक्षा करने और वापस लेने की सुविधा प्रदान करेगी।

डेटा फिडुशियरी की जवाबदेही बढ़ाई जाएगी

डेटा फिडुशियरी को उपयोगकर्ताओं को उनके डेटा प्रोसेसिंग के उद्देश्य, प्रक्रिया और उनके अधिकारों के बारे में स्पष्ट और पारदर्शी जानकारी प्रदान करनी होगी।

डेटा उल्लंघनों पर कड़ी कार्रवाई

मसौदा नियमों में डेटा उल्लंघनों की स्थिति में तुरंत सरकार और प्रभावित उपयोगकर्ताओं को सूचित करना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही, उल्लंघन के लिए कठोर दंड का प्रावधान किया गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक हित के लिए विशेष छूट

राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक कल्याण के मामलों में डेटा प्रोसेसिंग की अनुमति दी गई है। हालांकि, इन छूटों का दुरुपयोग रोकने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।

डेटा स्थानीयकरण पर जोर

मसौदा नियमों में कुछ संवेदनशील डेटा को भारत के भीतर संग्रहीत और प्रोसेस करने का प्रावधान है। यह डेटा गोपनीयता को बढ़ावा देने के साथ-साथ वैश्विक सुरक्षा मानकों के अनुरूप है।

सार्वजनिक सुझावों के लिए मसौदा खुला

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मसौदे पर लोगों से राय मांगी है और कहा है कि यह परामर्श के लिए खुला है। उन्होंने नागरिकों को इसमें भागीदारी के लिए आमंत्रित किया है।

निष्कर्ष

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियम, 2025 का मसौदा भारत के डिजिटल डेटा सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह उपयोगकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा और डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नई संभावनाओं का द्वार खोलेगा।

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