
उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब यात्रा को 05 सितंबर 2025 तक स्थगित कर दिया गया है। सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह बड़ा निर्णय लिया है।
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने जानकारी दी कि बारिश की वजह से प्रदेश के कई हिस्सों में भूस्खलन और मलबा आने से मार्ग बाधित हो रहे हैं। प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है कि इन मार्गों को प्राथमिकता पर खोला जाए, लेकिन जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता और सड़कें पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जातीं, तब तक यात्राओं को स्थगित रखा जाएगा।
चारधाम यात्रा पर असर
चारधाम यात्रा हिंदू धर्म की सबसे पवित्र यात्राओं में से एक है, जिसमें श्रद्धालु केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन करते हैं। इस बार भारी बारिश के कारण कई मार्ग प्रभावित हुए हैं—
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यमुनोत्री मार्ग: जानकी चट्टी और बरकोट के पास भूस्खलन।
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गंगोत्री मार्ग: उत्तरकाशी और गंगनानी के बीच मार्ग बाधित।
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केदारनाथ मार्ग: सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का रास्ता प्रभावित।
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बद्रीनाथ मार्ग: जोशीमठ से बद्रीनाथ तक कई जगह मलबा गिरने की घटनाएं।
इन बाधाओं के कारण न केवल श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है, बल्कि स्थानीय निवासियों और आवश्यक आपूर्ति के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
हेमकुंड साहिब यात्रा की स्थिति
हेमकुंड साहिब जो कि समुद्र तल से 4,329 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, सिख श्रद्धालुओं का प्रमुख धार्मिक स्थल है। गोविंदघाट से हेमकुंड तक का ट्रेक भारी बारिश और भूस्खलन के चलते बेहद जोखिमपूर्ण हो गया है।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि हेमकुंड साहिब की यात्रा भी केवल मौसम सामान्य होने के बाद ही शुरू की जाएगी।
यात्रियों के लिए प्रशासन की अपील
गढ़वाल कमिश्नर ने सभी यात्रियों से अनुरोध किया है कि—
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प्रतिकूल मौसम की स्थिति को देखते हुए अभी यात्रा मार्गों पर प्रस्थान न करें।
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सरकार और प्रशासन द्वारा जारी परामर्शों का पालन करें।
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मौसम सामान्य होने और मार्गों के पूरी तरह सुरक्षित पाए जाने के बाद ही यात्रा को पुनः प्रारम्भ किया जाएगा।
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नियंत्रण कक्षों से समय-समय पर संपर्क कर अद्यतन जानकारी प्राप्त करते रहें।
सरकार की तैयारी और प्रयास
प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन लगातार यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए कार्यरत है।
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सड़क मार्गों की निगरानी और सफाई कार्य तेज़ी से जारी है।
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आपदा प्रबंधन दल और रैपिड रिस्पॉन्स टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं।
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भोजन और ठहरने की व्यवस्था फंसे हुए यात्रियों के लिए की जा रही है।
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मौसम और मार्ग की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश की संभावना जताई है। ऐसे में यात्रियों को सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष
चारधाम एवं हेमकुंड साहिब यात्रा का पांच सितंबर 2025 तक स्थगित होना एक आवश्यक कदम है, जो यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। भले ही यह निर्णय श्रद्धालुओं के लिए निराशाजनक हो, लेकिन जीवन की सुरक्षा सर्वोपरि है। सरकार और प्रशासन के प्रयास यह दर्शाते हैं कि जैसे ही मौसम सामान्य होगा और मार्ग पूरी तरह सुरक्षित होंगे, यात्राएं पुनः शुरू कर दी जाएंगी।
श्रद्धालुओं से अपील है कि धैर्य और संयम बनाए रखें, प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और यात्रा संबंधी जानकारी केवल आधिकारिक स्रोतों से ही प्राप्त करें।