
देहरादून: उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 30 अप्रैल से शुरू होने जा रही है, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। इस पावन यात्रा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, और संबंधित विभाग अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। श्रद्धालुओं की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हो चुकी है, और सरकार यात्रा को सुव्यवस्थित करने के लिए विशेष कदम उठा रही है।
तीव्र गति से हो रहा रजिस्ट्रेशन
चारधाम यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद 21 मार्च की शाम तक 3 लाख 80 हजार से अधिक श्रद्धालु अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। सरकार यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्गों और मंदिर परिसरों के विकास पर भी कार्य कर रही है।
चारधाम यात्रा प्राधिकरण का होगा गठन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यात्रा की तैयारियों की स्वयं समीक्षा करते हुए घोषणा की कि यात्रा को बेहतर और सुव्यवस्थित करने के लिए चारधाम यात्रा प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। यह प्राधिकरण यात्रा के सुचारू संचालन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, मंदिर परिसरों और आसपास के इलाकों को भी विकसित किया जाएगा, जिससे बड़ी संख्या में आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
यात्रा से पहले होगी विभागवार समीक्षा
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि यात्रा शुरू होने से पहले चारधाम से संबंधित सभी विभागों की विस्तृत समीक्षा की जाएगी। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अधिक सुगम बनाने और यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
अवैध निर्माणों पर जारी रहेगा अभियान
उत्तराखंड में अवैध मदरसों, मजारों और अतिक्रमणों के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य में जो भी अवैध निर्माण है, उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत हटाया जाएगा। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक अवैध अतिक्रमण पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
चारधाम यात्रा से जुड़े इन सभी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड सरकार श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुविधाजनक तीर्थ यात्रा उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है।