उत्तराखंड में सरकार से जुड़े मामलों की न्यायालयों में कमजोर पैरवी के कारण राज्य को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इसे सुधारने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को सचिवालय में न्याय विभाग से जुड़े सभी मुद्दों पर समीक्षा बैठक की। उन्होंने राज्य के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में मजबूत पैरवी पर जोर देते हुए कहा कि राज्य के विकास के लिए कार्य संस्कृति में नवाचार और परंपरा से हटकर प्रयासों की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री धामी ने न्यायिक मामलों की तेजी से निपटान के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का अधिकतम उपयोग करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक युवा राज्य है, और राज्य के समग्र विकास के लिए नए दृष्टिकोण और तकनीकों को अपनाना बेहद जरूरी है। राज्य की विकास यात्रा में सरकार और अधिवक्ताओं के बीच बेहतर समन्वय के महत्व पर भी उन्होंने बल दिया।
बैठक के दौरान धामी ने सभी सरकारी अधिवक्ताओं और अधिकारियों से कहा कि जनहित से जुड़े मामलों में ठोस रणनीतियों का उपयोग करें। उन्होंने परफॉरमेंस आधारित दृष्टिकोण को अपनाने की बात कही, जिससे कार्यों के सफल क्रियान्वयन में मदद मिले। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर कार्य में सुधार की संभावनाएं होती हैं, इसलिए समस्याओं को कम करने और समाधान की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, उन्होंने सार्वजनिक मामलों में नियमित समन्वय और उनके सही क्रियान्वयन के लिए शासन और अधिवक्ताओं के बीच संवाद स्थापित करने पर जोर दिया। न्यायालय में राज्य की तरफ से पेश किए जाने वाले हर मामले में सटीक तथ्यों और ठोस दलीलों को सामने रखने की आवश्यकता पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड की विकास यात्रा में न्यायालयों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसके लिए सभी को नई कार्य संस्कृति और नवाचार के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।