
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज शहीद स्थल रामपुर तिराहा, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.) में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेकर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रामपुर तिराहा शहीद स्थल के री-डेवलपमेंट का मास्टर प्लान तैयार करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 का रामपुर तिराहा गोलीकांड उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आंदोलन के इतिहास का एक काला एवं पीड़ादायक अध्याय है। उस दिन हुई क्रूर घटनाओं और महिलाओं पर हुए अमानवीय अत्याचारों को याद कर आज भी हर उत्तराखण्डी की रूह काँप उठती है। उन्होंने कहा कि जिन पर जनता की रक्षा की जिम्मेदारी थी, उन्हीं ने हिंसा की सारी हदें पार कीं और एक शांतिपूर्ण आंदोलन को निर्दयतापूर्वक कुचलने का प्रयास किया गया।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हमारे आंदोलनकारियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण ही आज हमें एक अलग राज्य मिला है। राज्य सरकार उनके सपनों के उत्तराखण्ड को साकार करने के लिए संकल्पबद्ध है। सरकार द्वारा लागू की गई प्रमुख व्यवस्थाएँ व सुविधाएँ निम्नलिखित हैं:
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रामपुर तिराहा शहीद स्थल का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
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स्थल पर संग्रहालय को भव्य रूप देने के लिए व्यापक कार्य किए जाएंगे।
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विजिटर्स की सुविधा के लिए एक कैंटीन बनाई जाएगी तथा उत्तराखण्ड की बसों के ठहराव हेतु स्टॉपेज की व्यवस्था की जाएगी।
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राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरियों में 10% क्षैतिज आरक्षण दिया गया है।
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शहीद आंदोलनकारियों के परिवारों के लिए मासिक 3,000 रुपये पेंशन।
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घायल और जेल गए आंदोलनकारियों के लिए 6,000 रुपये तथा सक्रिय आंदोलनकारियों के लिए 4,500 रुपये मासिक पेंशन।
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चिन्हित आंदोलनकारियों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं तथा 93 आंदोलनकारियों को राजकीय सेवा में सेवायोजन दिया जा चुका है।
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आंदोलनकारियों को सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलन में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मातृशक्ति के सम्मान के लिए राज्य सरकार ने नौकरियों में महिलाओं के लिए 30% क्षैतिज आरक्षण लागू किया है। रामपुर गोलीकांड के समय स्थानीय लोगों द्वारा आंदोलनकारियों की सहायता को स्थायी बनाने के उद्देश्य से रामपुर, सिसौना, मेघपुर और बागोंवाली में जनमिलन केंद्र बनवाए गए हैं। जिन लोगों ने शहीद स्मारक हेतु भूमि दान की, विशेषकर स्वर्गीय महावीर शर्मा के योगदान को स्मरणीय बनाने के लिए उनकी प्रतिमा शहीद स्मारक पर स्थापित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता पहले लागू की गई, नकल विरोधी कड़े कानूनों के परिणामस्वरूप कई युवाओं को सरकारी नौकरी मिलीं और राज्य की डेमोग्राफी संरक्षित रखने हेतु प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में कड़े धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून और मदरसा बोर्ड से संबंधित नए नियम लागू करने के निर्णय लिए गए हैं — जिनके अनुसार 1 जुलाई 2026 से केवल सरकारी बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाने वाले मदरसे ही संचालित हो सकेंगे। साथ ही राज्य में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के माध्यम से सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि 9,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
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उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज
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उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्री अनिल कुमार
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श्री कपिल देव
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पूर्व सांसद श्री सजीव बालियान
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विधायक (रूडकी) श्री प्रदीप बत्रा
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विधायक (खानपुर) श्री उमेश कुमार
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विधायक (झबरेड़ा) श्री विरेंद्र जाति
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दर्जाधारी श्रीमती मधु भट्ट
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श्री राजेंद्र अंथवाल
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श्री शोभाराम प्रजापति
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सचिव श्री युगल किशोर पंत
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जिलाधिकारी हरिद्वार श्री मयूर दीक्षित
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार श्री प्रमेन्द्र डोभाल
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राज्य आंदोलनकारी व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।