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मुख्यमंत्री धामी ने की ‘उत्तराखण्ड वर्चुअल लर्निंग एप्लीकेशन’ की शुरुआत, 840 विद्यालयों में वर्चुअल और स्मार्ट कक्षाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा — डिजिटल शिक्षा से जुड़ रहे हैं प्रदेश के विद्यार्थी, अब घर बैठे सीख सकेंगे आधुनिक विषय

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा (देहरादून) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड द्वारा विद्यालयी शिक्षा में आईसीटी योजना के अंतर्गत 840 राजकीय विद्यालयों में हाइब्रिड मोड में संचालित वर्चुअल एवं स्मार्ट कक्षाओं के केन्द्रीयकृत स्टूडियो का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से वर्चुअल माध्यम से संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 226 विद्यालयों को पीएम श्री विद्यालय के रूप में स्थापित किया गया है, वहीं 500 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी अब ‘उत्तराखण्ड वर्चुअल लर्निंग एप्लीकेशन’ के माध्यम से घर बैठे आधुनिक एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इस ऐप से बच्चे स्वयं अपना मूल्यांकन कर सकेंगे और देश-राज्य के जाने-माने शिक्षकों से सीखने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दूरस्थ क्षेत्रों तक ऑनलाइन शिक्षा पहुँचाने के लिए 5-पीएम ई-विद्या चैनल भी संचालित कर रही है, जिससे ग्रामीण व पहाड़ी क्षेत्रों के विद्यार्थी भी डिजिटल शिक्षा से जुड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में कक्षा 6 से 12 तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत लाभ दिया जा रहा है। इसके अलावा, राज्य के प्रत्येक विकासखंड के 10वीं एवं 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजा जा रहा है।

राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में 8 ट्रेडों में व्यावसायिक शिक्षा प्रारंभ की गई है, जिससे 42 हजार से अधिक विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य में पहली बार 12वीं के व्यावसायिक छात्रों के लिए रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, जिसमें 146 विद्यार्थियों का चयन प्रतिष्ठित कंपनियों में हुआ है। इस पहल की सराहना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने भी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है जहाँ बुनियादी शिक्षा के लिए राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा (State Curriculum Framework) तैयार की गई है। विद्यालयों में ‘बस्तारहित दिवस’ (Bagless Day) को भी शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि स्थानीय भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए गढ़वाली, कुमाऊँनी और जौनसारी भाषाओं में पुस्तकें तैयार की गई हैं, साथ ही थारू, बोक्सा और रवांल्टी भाषाओं में शब्दकोश भी बनाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) लागू की गई है, जिससे शिक्षा का स्तर नई ऊँचाइयों को छू रहा है।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक श्री उमेश शर्मा ‘काऊ’, अपर सचिव शिक्षा श्रीमती रंजना राजगुरु, महानिदेशक शिक्षा सुश्री दीप्ति सिंह, शिक्षा विभाग के अधिकारी तथा वर्चुअल माध्यम से राज्यभर के विद्यालयों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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