
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में यातायात को सुगम बनाने और शहर के एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ने के लिए गयासुद्दीन हैदर कैनाल (GH Canal) के सहारे एलिवेटेड रोड का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। यह नई सड़क राजाजीपुरम से समता मूलक चौराहे तक बनेगी और इसकी कुल लंबाई 16 किलोमीटर होगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 500 करोड़ रुपये बताई जा रही है। इस रोड के बनने से शहर के मध्य से आगरा एक्सप्रेसवे तक पहुंचना बेहद आसान हो जाएगा।
कहां और कैसे बनेगी नई सड़क?
मोहान रोड से शुरू होकर 1090 चौराहे तक:
- मोहान रोड पर स्थित नाले से इस सड़क का निर्माण शुरू होगा।
- यह सड़क राजाजीपुरम, ऐशबाग से होते हुए 1090 चौराहे तक पहुंचेगी।
- गोमती नदी में सीधे गिरने वाले नाले को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के जरिए शुद्ध किया जाएगा।
- इस सड़क के बनने से लोहिया पथ का एक वैकल्पिक मार्ग भी तैयार हो जाएगा।
- वर्तमान में यह सफर सवा घंटे में तय होता है, लेकिन नई सड़क बनने के बाद मात्र 15 मिनट में पूरा हो सकेगा।
क्या चल रही है तैयारियां?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (PWD) मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम करेंगे।
- नगर निगम: रास्ते में आने वाली बाधाओं को हटाएगा।
- PWD: सड़क निर्माण की जिम्मेदारी संभालेगा।
- ड्रोन सर्वे: नगर निगम ने नाले की पूरी लंबाई का ड्रोन सर्वे कराया है।
- अतिक्रमण चिन्हित: 16 किमी लंबे इस मार्ग पर अवैध कब्जों को हटाने की योजना बनाई जा रही है।
कैसा है नाले का मौजूदा हाल?
- हैदर कैनाल 16 किलोमीटर लंबा और 40 से 70 मीटर तक चौड़ा है।
- 8.26 किलोमीटर हिस्से में राजाजीपुरम से गोल चौराहे तक नाले के किनारे आबादी बसी हुई है।
- 243 नाले-नालियों का पानी इस कैनाल में गिरता है।
- 1090 चौराहे के पास एसटीपी (STP) शुरू होने से गंदा पानी सीधे गोमती में नहीं गिरेगा।
आगरा एक्सप्रेसवे तक 15 मिनट में पहुंचना होगा संभव
वर्तमान में आगरा एक्सप्रेसवे तक पहुंचने में डेढ़ घंटे का समय लगता है। लेकिन इस नई सड़क के बनने के बाद यह सफर सिर्फ 15-20 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इस सड़क के जरिए शहर का सीधा कनेक्शन हाईवे से हो जाएगा, जिससे लखनऊ और आगरा के बीच यात्रा और अधिक सुगम हो जाएगी।
यातायात सुधार और विकास की नई दिशा
लखनऊ में यह एलिवेटेड रोड परियोजना न केवल यातायात को सुगम बनाएगी बल्कि शहर के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने में भी सहायक होगी। इससे लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को राहत मिलेगी और नागरिकों को एक वैकल्पिक तेज़ मार्ग मिलेगा।