
देहरादून: आधुनिकता के इस युग में साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाएं पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं। अपराधी अब AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का इस्तेमाल कर नई-नई तकनीकों से अपराध कर रहे हैं। इन अपराधों से निपटने के लिए उत्तराखंड पुलिस भी AI तकनीक को अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पुलिस को ट्रेनिंग के जरिए साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं ताकि अपराधियों को उन्हीं की तकनीक से मात दी जा सके।
साइबर कमांडो तैयार: उत्तराखंड पुलिस साइबर क्राइम से निपटने के लिए अधिकारियों को दिल्ली में विशेष प्रशिक्षण दिला रही है। 10-10 के समूह में इन अधिकारियों को साइबर अपराधों से निपटने के सभी तकनीकी गुर सिखाए जा रहे हैं।
AI से होगा अपराध नियंत्रण: अपराधियों की पहचान, फॉरेंसिक जांच, और ट्रैफिक मैनेजमेंट में AI का इस्तेमाल पुलिस के लिए बेहद कारगर साबित हो रहा है। AI के जरिए अपराधों के पैटर्न और चेहरों की पहचान से लेकर, अपराधियों को पकड़ने तक की प्रक्रियाएं तेज हो रही हैं।
साइबर अपराध पर लगाम: साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए उत्तराखंड पुलिस AI आधारित उपकरण खरीदने की योजना बना रही है। इसके तहत हाईटेक ड्रोन और फेस स्कैनिंग कैमरे जैसे उपकरण खरीदे जाएंगे।
आंकड़े चिंताजनक: साल 2023 में उत्तराखंड में 20,000 से अधिक साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हुईं थीं, जो 2024 में और बढ़ सकती हैं। पुलिस AI के जरिए इन अपराधों पर नियंत्रण पाने की कोशिश में जुटी है।
उत्तराखंड पुलिस की यह नई पहल अपराध नियंत्रण में तकनीकी क्रांति ला सकती है।