
चौसला में जनसंख्या संतुलन को लेकर विवाद गहराया
उत्तराखंड के हल्द्वानी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चौसला गांव में हाल ही में डेमोग्राफिक यानी जनसंख्या संरचना में हो रहे बदलाव को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। स्थानीय लोगों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस बदलाव पर आपत्ति जताते हुए प्रशासन से तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में सुनियोजित तरीके से बाहरी लोगों को बसाया जा रहा है, जिससे क्षेत्र की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान को खतरा पैदा हो गया है।
संगठनों ने किया प्रदर्शन, डीएम को सौंपा ज्ञापन
इस मुद्दे को लेकर शनिवार को कई सामाजिक और हिंदू संगठनों ने चौसला गांव में प्रदर्शन किया और जिला अधिकारी (डीएम) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया कि जनसंख्या असंतुलन की स्थिति जानबूझकर पैदा की जा रही है, जिससे भविष्य में सांप्रदायिक तनाव और सामाजिक टकराव की आशंका बढ़ सकती है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
राजनीतिक रंग भी ले रहा मामला
चौसला में बढ़ते डेमोग्राफिक विवाद को राजनीतिक दल भी अपने-अपने नजरिए से देख रहे हैं। कुछ विपक्षी दलों ने इसे सरकार की विफलता करार देते हुए प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं, जबकि सत्ताधारी दल ने मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। स्थानीय विधायक ने कहा कि क्षेत्र की शांति और सौहार्द बनाए रखना सर्वोपरि है, और अगर कहीं अवैध बसावट या जमीन खरीद-बिक्री में अनियमितता पाई जाती है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने जांच के दिए आदेश
इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने राजस्व विभाग और पुलिस को संयुक्त रूप से जांच के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जमीन खरीद और निवास से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी। यदि कोई अवैध गतिविधि सामने आती है, तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीयों में असंतोष, समाधान की मांग
गांव के लोग चाहते हैं कि क्षेत्र की पारंपरिक पहचान और सामाजिक संतुलन को बरकरार रखा जाए। वे चाहते हैं कि बाहरी तत्वों की पहचान कर उचित कार्रवाई की जाए ताकि गांव में भविष्य में किसी प्रकार का तनाव न पनपे।
इस मामले पर अब सबकी नजरें प्रशासनिक कार्रवाई और जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।