Mithun Chakraborty: हिंदी सिनेमा में अद्वितीय योगदान के लिए मिथुन चक्रवर्ती को मिला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
Mithun Chakraborty received the Dada Saheb Phalke Award for his outstanding contribution to Hindi cinema

मुंबई: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया है। 74 साल की उम्र में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने वाले मिथुन दा ने अपने करियर के 48 सालों में भारतीय सिनेमा को अनगिनत यादगार फिल्में दी हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर यह खबर साझा की और लिखा, “मिथुन दा का सिनेमा में योगदान अतुलनीय है, जिसने पीढ़ियों को प्रेरित किया है। उन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना जाना हमारे लिए गर्व की बात है।” इस सम्मान का आधिकारिक कार्यक्रम 8 अक्टूबर को आयोजित किया जाएगा।
फिल्मी करियर की शुरुआत और सफलता
मिथुन चक्रवर्ती ने 1976 में फिल्म मृगया से बॉलीवुड में कदम रखा और अपनी पहली ही फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। इसके बाद मिथुन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और भारतीय सिनेमा में अपनी जगह पक्की की। मिथुन ने अपने करियर में 250 से अधिक फिल्मों में काम किया है, जिसमें से 180 फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन कमज़ोर रहा, लेकिन इसके बावजूद उनकी लोकप्रियता और स्टारडम कभी कम नहीं हुई। डिस्को डांसर जैसी हिट फिल्म ने उन्हें 80 के दशक के सबसे बड़े सुपरस्टार्स में शामिल कर दिया।
अद्वितीय रिकॉर्ड और उपलब्धियां
1989 में मिथुन ने एक साल में लगातार 19 फिल्में दीं, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। उनकी यह उपलब्धि अब तक कोई और अभिनेता नहीं तोड़ पाया है। इसके अलावा, उन्होंने एक समय में बैक-टू-बैक 33 फिल्में दी थीं, जो उनकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक हैं। उनके नाम लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हैं।
मिथुन न केवल एक अभिनेता बल्कि राजनेता और टीवी शोज़ में जज के रूप में भी सक्रिय हैं। हाल ही में उन्हें बंगाली फिल्म काबुलीवाला (2023) में देखा गया था।