आयुर्वेदिक स्नैक्स से जीवनशैली की बीमारियों पर लगेगी लगाम
देहरादून में चल रहे 10वें विश्व आयुर्वेद सम्मेलन (WAC) में यह घोषणा की गई कि प्रामाणिक आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर तैयार भोजन और स्नैक्स जल्द ही देशभर में उपलब्ध होंगे। इन उत्पादों का उद्देश्य कुपोषण, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे जैसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को कम करना है।
‘भोजन औषधि है’ विषय पर सत्र का आयोजन
सम्मेलन में ‘आयुर्वेद आहार: फूड इज मेडिसिन, बट मेडिसिन इज नॉट फूड’ विषय पर विशेष सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र में बताया गया कि आयुर्वेदिक भोजन और स्नैक्स को तैयार करने और बाजार में लाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति काम कर रही है।
समिति में कौन-कौन हैं शामिल?
इस पहल के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति में आयुर्वेद जगत के प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हैं:
- प्रो. मीता कोटेचा, पूर्व कुलपति, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद डीम्ड यूनिवर्सिटी, जयपुर
- प्रो. तनुजा नेसारी, निदेशक, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, नई दिल्ली
- प्रो. अनुपम श्रीवास्तव, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर
ये समिति खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर आयुर्वेदिक व्यंजनों और फॉर्मूलेशन को तैयार कर रही है।
700 आयुर्वेदिक व्यंजन तैयार होंगे
प्रो. मीता कोटेचा ने बताया कि आयुर्वेदिक ग्रंथों के आधार पर 700 प्रामाणिक व्यंजन और फॉर्मूलेशन तैयार किए जाएंगे। इनमें सशर्त बदलाव की अनुमति दी जाएगी ताकि वे आधुनिक फूड मार्केट के अनुकूल हो सकें। इस पहल का उद्देश्य अस्वास्थ्यकर प्रसंस्कृत उत्पादों का मुकाबला करना और भारतीय पारंपरिक खाद्य पदार्थों को पुनर्जीवित करना है।
आयुर्वेद आहार विनियम 2022 के तहत पहल
यह परियोजना आयुर्वेद आहार विनियम 2022 और संबंधित नियमों के तहत शुरू की गई है। इसके दिशा-निर्देश अंतिम चरण में हैं और जल्द ही इन उत्पादों का बाजार में प्रवेश होगा।
पोषण और विकास लक्ष्यों की ओर कदम
इस पहल का उद्देश्य न केवल स्वस्थ आहार उपलब्ध कराना है, बल्कि यह सरकार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा निर्धारित विकास लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करेगा। साथ ही भूख, कुपोषण और मोटापे की समस्याओं से निपटने में प्रभावी भूमिका निभाएगा।
आयुर्वेद खाद्य खंड: ‘अवसरों का सागर’
प्रो. तनुजा नेसारी ने कहा कि प्रस्तावित आयुर्वेद खाद्य खंड “अवसरों का सागर” साबित होगा। इसमें नवीनतम फूड टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए, सदियों पुरानी भारतीय परंपराओं के सिद्धांतों को बनाए रखा जाएगा।
FMCG प्रथाओं की तर्ज पर विपणन
आयुर्वेदिक भोजन और स्नैक्स का विपणन फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) सेक्टर की प्रथाओं की तर्ज पर होगा। उत्पादों की डोर डिलीवरी, फूड एग्रीगेटर्स और होटलों के माध्यम से व्यापक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
आयुर्वेदिक भोजन क्रांति की तैयारी
यह पहल न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि भारतीय पारंपरिक खानपान को नई पहचान दिलाएगी। जल्द ही ये उत्पाद आम जनता से लेकर पांच सितारा होटलों तक हर जगह उपलब्ध होंगे।