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देहरादून नगर निगम ने दुकानों के लिए लाइसेंस शुल्क लगाने का प्रस्ताव किया, व्यापारियों ने जताई आपत्तियां

Dehradun Municipal Corporation proposed to impose license fee on shops, traders raised objections

देहरादून: देहरादून नगर निगम (डीएमसी) ने शहर के दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लाइसेंस शुल्क लगाने की योजना बनाई है। इस निर्णय के खिलाफ व्यापारियों के विभिन्न वर्गों ने विरोध जताते हुए इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। अब तक निगम को 93 आपत्तियां प्राप्त हो चुकी हैं।

नगर निगम ने आपत्तियां स्वीकार करने की अंतिम तिथि 31 मई तय की है। इसके बाद एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें शहर के विभिन्न व्यापारिक समुदायों के प्रतिनिधि और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। समिति के सुझावों के आधार पर ही अंतिम लाइसेंस शुल्क तय किया जाएगा।

व्यापारी वर्ग के साथ कई बैठकें, फिर भी समाधान नहीं

इस विषय को लेकर व्यापारी वर्ग ने मेयर सौरभ थपलियाल और नगर आयुक्त के साथ कई बार बैठकें की हैं। लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। व्यापारियों का मानना है कि नया लाइसेंस शुल्क छोटे और मध्यम व्यवसायों पर भारी पड़ेगा और इससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी।

व्यापारी इस फैसले को वापस लेने या राहत देने की मांग कर रहे हैं ताकि व्यापार सुगमता बनी रहे और स्थानीय कारोबार प्रभावित न हो।

कानूनी आधार और नियमावली

नगर निगम ने यह निर्णय उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 की धारा 541 (उत्तराखंड में लागू) के तहत लिया है। 17 मई को नगर निगम ने इस संदर्भ में बायलॉज जारी किया, जो तत्काल प्रभाव से लागू हो गया।

इस नियमावली के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले सभी प्रतिष्ठानों को निर्धारित शुल्क का भुगतान कर लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। हालांकि यह बायलॉज अभी अस्थायी है और आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम नियमावली जारी की जाएगी।

राज्य सरकार को भी अधिकार होगा कि वह इस नियमावली में संशोधन कर छूट प्रदान कर सके।

लाइसेंस शुल्क की श्रेणियां और दरें

नगर निगम ने विभिन्न व्यवसायों के लिए पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क निर्धारित किए हैं, जैसे:

  • वेडिंग प्वाइंट, बैंक्विट हाल, होटल, लॉजिंग: ₹20,000 से ₹2,00,000 (पंजीकरण), ₹10,000 से ₹50,000 (नवीनीकरण)
  • हॉस्पिटल और नर्सिंग होम: ₹25,000 से ₹1,00,000 (पंजीकरण), ₹10,000 से ₹50,000 (नवीनीकरण)
  • प्राइवेट क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब, मेडिकल शॉप: ₹15,000 से ₹50,000 (पंजीकरण), ₹8,000 से ₹30,000 (नवीनीकरण)
  • पशु शॉप, पशु क्लिनिक, पशु अस्पताल: ₹10,000 से ₹15,000 (पंजीकरण), ₹5,000 से ₹8,000 (नवीनीकरण)
  • हुक्का बार: ₹10,000 (पंजीकरण), ₹5,000 (नवीनीकरण)
  • बीयर बार: ₹30,000 (पंजीकरण), ₹15,000 (नवीनीकरण)
  • अंग्रेजी शराब की दुकान: ₹50,000 (पंजीकरण), ₹30,000 (नवीनीकरण)
  • देसी शराब की दुकान: ₹30,000 (पंजीकरण), ₹15,000 (नवीनीकरण)
  • इम्पोर्टेड वाइन शॉप: ₹1,00,000 (पंजीकरण), ₹50,000 (नवीनीकरण)
  • शॉपिंग मॉल: वार्षिक भवन कर का 0.5% या ₹50,000, जो भी अधिक हो

मेयर के बयान में आगे की प्रक्रिया

मेयर सौरभ थपलियाल ने बताया कि 31 मई तक प्राप्त आपत्तियों का नगर निगम अध्ययन कर रहा है। इसके बाद व्यापारिक समुदाय के प्रतिनिधियों और निगम के अधिकारियों को मिलाकर समिति बनाई जाएगी।

“समिति व्यापारियों और नगर निगम दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए लाइसेंस शुल्क की उचित दर तय करेगी,” मेयर ने कहा। समिति के सुझाव के बाद ही शुल्क को लागू किया जाएगा।

देहरादून नगर निगम का लाइसेंस शुल्क प्रस्ताव व्यापारिक समुदाय में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब आपत्तियों के समापन के बाद समिति के निर्णय का इंतजार है, जिससे व्यापार और प्रशासन के बीच संतुलन स्थापित हो सकेगा।

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