
भारतीय सेना के साहस को सलाम
आर्मी डे (सैन्य दिवस) के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय सेना के वीर जवानों को शुभकामनाएं देते हुए उनके साहस, समर्पण और निष्ठा को नमन किया। उन्होंने कहा, “आपकी वीरता और निस्वार्थ सेवा देश के हर नागरिक के लिए प्रेरणा स्रोत है।”
शहीदों के परिजनों के लिए नि:शुल्क यात्रा सुविधा
मुख्यमंत्री धामी ने सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने राज्य में शहीदों की वीरांगनाओं और माताओं को परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्क यात्रा सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है।
15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है आर्मी डे?
आर्मी डे भारतीय सेना की वीरता और समर्पण को सम्मानित करने का दिन है। यह दिन 15 जनवरी 1949 को जनरल के.एम. करियप्पा के भारतीय सेना के पहले सेनाध्यक्ष बनने की याद में मनाया जाता है। यह भारत के सैन्य इतिहास का एक ऐतिहासिक क्षण था।
करियप्पा परेड ग्राउंड में भव्य परेड
हर साल 15 जनवरी को दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में सैन्य दिवस के अवसर पर भव्य परेड आयोजित की जाती है। इस परेड में भारतीय सेना के आधुनिक हथियारों और उपकरणों का प्रदर्शन किया जाता है।
सेना का गौरव: देश की आन, बान और शान
आर्मी डे के अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा, “सैनिक हमारा गौरव हैं। उनके साहस और त्याग ने हमें एक सशक्त और सुरक्षित भारत दिया है।” उन्होंने सैनिकों के योगदान को सम्मानित करते हुए राज्य और देश के विकास में उनके महत्व को रेखांकित किया।
भारतीय सेना: प्रेरणा का प्रतीक
सैन्य दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह सैनिकों के योगदान को याद करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। उनकी वीरता और देशभक्ति हर भारतीय को गर्व महसूस कराती है।