उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन और विकास कार्यों को मजबूती देने के लिए भारत सरकार ने बड़ी धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार का आभार जताते हुए इसे राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
आपदा प्रबंधन के लिए 1480 करोड़ रुपये की स्वीकृति
- केंद्र सरकार ने विश्व बैंक सहायता से ‘उत्तराखंड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एंड रेजीलियेंट प्रोजेक्ट (यू-प्रिपेयर)’ के तहत यह राशि स्वीकृत की।
- प्रमुख कार्य:
- 45 पुलों का निर्माण।
- 8 सड़क सुरक्षा उपाय।
- 10 आपदा आश्रय गृहों का निर्माण।
- 19 अग्निशमन केंद्रों का निर्माण/सुदृढ़ीकरण।
- राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF) के प्रशिक्षण केंद्र।
- वन विभाग के लिए वनाग्नि नियंत्रण संबंधित कार्य।
- परियोजना अवधि: 5 वर्षों की योजना, जिसमें केंद्र सरकार, उत्तराखंड सरकार और विश्व बैंक के बीच 16 दिसंबर को समझौता हुआ।
विकास कार्यों को मिली हरी झंडी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई विकास परियोजनाओं को स्वीकृति दी:
- पिथौरागढ़ जिले में:
- इमला से इमलाधुरा तक संपर्क मार्ग के लिए ₹56.03 लाख।
- धारचूला क्षेत्र में दाखिम से धामी गांव ट्रेक रूट निर्माण और अन्य परियोजनाओं के लिए ₹60 लाख।
- प्राथमिक विद्यालय बोथी से चुलकोट धार तक खंड़जा मार्ग के लिए ₹41.04 लाख।
- ग्राम टुण्डी में जन मिलन केंद्र की स्थापना के लिए ₹10.53 लाख।
- बागेश्वर जिले में:
- कपकोट क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों में टीनशेड और सुरक्षा दीवार निर्माण के लिए ₹50.09 लाख।
- चिल्ठा माता मंदिर, तप्त कुंड मंदिर, कालिका माता मंदिर, नौलिंग मंदिर, और मां भगवती मंदिर के विकास कार्य।
- पंचायतीराज को बल:
- त्रिस्तरीय पंचायत संस्थाओं को पंचम राज्य वित्त आयोग के तहत चतुर्थ त्रैमासिक किश्त के रूप में ₹77.50 करोड़ जारी।
सीएम धामी का बयान:
“उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। यह धनराशि आपदा राहत, बचाव कार्य और आपदा के प्रभाव को कम करने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही, राज्य के विकास कार्यों को भी नई गति मिलेगी।”
विश्लेषण:
इस धनराशि और स्वीकृत परियोजनाओं से उत्तराखंड में न केवल आपदा प्रबंधन को मजबूती मिलेगी बल्कि ग्रामीण और धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास के साथ स्थानीय जनता को भी बड़े लाभ होंगे।