
धार्मिक पर्यटन और आपात सेवाओं को मिलेगी नई उड़ान
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने और आपातकालीन सेवाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के साथ एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव राजा रतूड़ी और ITBP अधिकारियों की मौजूदगी में यह समझौता हुआ।
हेलीपैड्स का उपयोग बढ़ेगा
इस समझौते के तहत ITBP के हेलीपैड्स का उपयोग इमरजेंसी सेवाओं के लिए किया जाएगा। साथ ही, धार्मिक पर्यटन स्थलों जैसे ओम पर्वत, टिम्मरसैंण महादेव और आदि कैलाश तक पहुंच को आसान बनाने में भी इनका उपयोग किया जाएगा।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने सीमांत क्षेत्रों में हैली सेवाओं के विस्तार की योजना बनाई है। दुर्गम इलाकों तक पहुंचने में पर्यटकों को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें हेली सेवाओं से हल करने का प्रयास किया जाएगा।
आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं होंगी सुलभ
समझौते के अनुसार, वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को दवाइयां और चिकित्सा सेवाएं आपात स्थिति में उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, हेली सेवाओं के जरिए उन्हें उच्च चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी।
तीन सीमांत जिलों में होगा फोकस
चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जैसे सीमांत जिलों में ITBP की अग्रिम चौकियों के पास उपलब्ध हेलीपैड्स का उपयोग आपातकालीन सेवाओं और पर्यटन के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “ITBP के हेलीपैड्स का उपयोग न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि आपातकालीन सेवाओं को भी सुलभ बनाएगा। राज्य सरकार सीमांत क्षेत्रों के विकास और सुविधा विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है।”
इस समझौते से उत्तराखंड में पर्यटन और आपात सेवाओं के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद की जा रही है।