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धूल और प्रदूषण की गिरफ्त में दिल्ली-एनसीआर, एक्यूआई ने पार की खतरनाक सीमा

Delhi-NCR in the grip of dust and pollution, AQI crossed dangerous limits

नई दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र बुधवार सुबह से ही घने धूल के गुबार में घिरा रहा, जिससे दृश्यता बेहद कम हो गई और वायु की गुणवत्ता चिंताजनक स्तर तक गिर गई। वायुमंडल में फैली धूल और धुंध ने लोगों को सांस लेने तक में परेशानी का सामना करने पर मजबूर कर दिया।

स्विट्जरलैंड की वायु गुणवत्ता निगरानी संस्था आईक्यूएयर की 15 मई की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 2444 रिकॉर्ड किया गया है, जो सामान्य स्तर से कई गुना अधिक और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक माना जाता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नई दिल्ली का एक्यूआई भी 1893 तक पहुंच गया है।

एनसीआर के प्रमुख शहरों की स्थिति भी चिंताजनक

केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि आसपास के शहरों की हवा भी दमघोंटू होती जा रही है। मेरठ का एक्यूआई 675, गाजियाबाद का 341 और नोएडा का 314 दर्ज किया गया है। इन सभी शहरों में धूल की परत छाई हुई है, जिससे लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस की समस्या जैसी शिकायतें हो रही हैं।

दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में एक्यूआई का हाल

दिल्ली के अंदरूनी इलाकों में एक्यूआई की स्थिति अलग-अलग है। ग्रेटर कैलाश में यह 78 (मध्यम), ब्लॉक-सी 28 में 121 (संतोषजनक) और ओक ड्राइव में 130 (मध्यम) श्रेणी में है। जबकि कई इलाकों में हालात बेहद खराब हैं – आईजीआई एयरपोर्ट पर एक्यूआई 199, अमेरिकन एंबेसी 224, आईटीओ 262, फिरोजशाह रोड 336 और पटपड़गंज में यह 351 तक पहुंच गया है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।

विशेषज्ञों ने जताई स्वास्थ्य पर चिंता

पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र नागर ने चेताया है कि इतना अधिक प्रदूषण विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के रोगियों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। लंबे समय तक इस तरह के प्रदूषण में रहना फेफड़ों, हृदय और मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। जलन, थकावट, सिरदर्द और सांस की तकलीफ अब आम लक्षण बनते जा रहे हैं।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की यह स्थिति न केवल प्रशासन के लिए चुनौती है, बल्कि आम नागरिकों के स्वास्थ्य पर भी सीधा खतरा बन गई है। विशेषज्ञों की राय है कि अब ठोस और दीर्घकालिक कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि हवा में घुला यह ज़हर रोका जा सके।

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