गुवाहाटी: असम सरकार ने दीमा हसाओ जिले में हुए दुखद कोयला खदान हादसे पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए हैं और पीड़ितों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। राज्य सरकार ने घटना की व्यापक जांच के लिए एक न्यायिक आयोग और विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
न्यायिक जांच और तकनीकी उपाय
- न्यायिक जांच: जांच का नेतृत्व सेवानिवृत्त न्यायाधीश अनिमा हजारिका करेंगी। तीन महीने के भीतर जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
- तकनीकी उपाय: भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए खदानों के समय और संचालन की निगरानी के लिए सैटेलाइट मैपिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- एसआईटी: यह विशेष जांच दल न्यायिक आयोग की निगरानी में काम करेगा, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
हादसे की स्थिति
6 जनवरी को उमरंगसो स्थित कोयला खदान में अचानक पानी भरने से नौ खनिक फंस गए थे।
- अब तक चार शव बरामद हुए हैं।
- पांच खनिक लापता हैं, जिनकी खोज और बचाव अभियान जारी है।
- बचाव कार्य: एनडीआरएफ की टीम 15 पंपों की मदद से प्रति घंटे 7.9 लाख लीटर पानी निकाल रही है। जल स्तर में अब तक केवल एक फुट की कमी आई है।
- खदान की स्थिति: अधिकारियों का मानना है कि खदान कोपिली नदी से जुड़ी हो सकती है, जिससे पानी का रिसाव जारी है।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मोरीगांव में कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को जानकारी दी।
- उन्होंने हादसे को दुखद बताते हुए मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।
- मुख्यमंत्री ने राज्य की 220 रैट-होल खदानों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया है।
लापता खनिकों के नाम
- हुसैन अली, दर्रांग, असम
- जाकिर हुसैन, दर्रांग, असम
- सर्पा बर्मन, कोकराझार, असम
- मुस्तफा शेख, दर्रांग, असम
- संजीत सरकार, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
बचाव कार्य में चुनौती
विशेषज्ञों का अनुमान है कि खदान से पानी पूरी तरह निकालने में 30 से 60 दिन तक का समय लग सकता है। राज्य सरकार और बचाव दल हादसे के पीड़ितों और उनके परिवारों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं।