
गोंडा जिले में भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ जिला अधिकारी नेहा शर्मा का सख्त रवैया लगातार जारी है। इस बार उन्होंने आंगनबाड़ी चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में 11 लेखपालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस कार्रवाई से राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया है।
गलत प्रमाण पत्रों से चयन प्रक्रिया में बाधा
समन्वित बाल विकास योजना के अंतर्गत 231 पदों के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती प्रक्रिया चलाई जा रही थी। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए संभावित चयन सूची सूचना पट्ट पर सार्वजनिक की गई। इसके बाद आई आपत्तियों की जांच के दौरान पता चला कि कई आय और निवास प्रमाण पत्र फर्जी या गलत तरीके से जारी किए गए थे।
तहसीलवार मिले मामले
प्रशासन द्वारा कराई गई स्थल सत्यापन जांच में सामने आया कि:
- सदर तहसील से 6 मामले,
- तरबगंज से 3,
- करनैलगंज से 2,
- और मनकापुर से 1 मामला सामने आया है।
इन मामलों में संबंधित लेखपालों की सीधी संलिप्तता पाई गई है।
प्रमोशन प्राप्त लेखपाल भी लपेटे में
जांच में शामिल कुछ लेखपाल ऐसे भी हैं जिनका प्रमोशन हो चुका है और वे इस समय अन्य जिलों में तैनात हैं। बावजूद इसके डीएम ने उन्हें भी कार्रवाई के दायरे में लाने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि सेवा में रहते हुए कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।
साप्ताहिक रिपोर्टिंग का आदेश
डीएम ने अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) को इन सभी मामलों की साप्ताहिक समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कार्रवाई में किसी भी स्तर पर ढिलाई न हो।
भविष्य के लिए सख्त संदेश
डीएम ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की लापरवाही दोबारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि भविष्य में कोई अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ प्रशासनिक कार्य करना ही अब सभी के लिए अनिवार्य होगा।