
रुद्रप्रयाग, 14 अप्रैल 2025: बैसाखी के शुभ अवसर पर रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड स्थित प्रसिद्ध गौरी माई मंदिर के कपाट विधिपूर्वक पूजा-अर्चना के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस खास मौके पर मंदिर प्रांगण और आसपास का इलाका भक्ति भाव और पारंपरिक उल्लास से सराबोर रहा। सुबह से ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचने लगे थे और पूरे क्षेत्र में “जय गौरी माई” के उद्घोष गूंजते रहे।
गौरी गांव से शुरू हुई देवी की शोभायात्रा
सुबह छह बजे गौरी गांव में मां गौरी की विशेष पूजा की गई। इसके बाद मां की मूर्ति को कंडी में विराजमान कर, फल-फूल, कलेऊ और चुनरी के साथ विदाई दी गई। पारंपरिक ढोल-दमाऊ और अन्य वाद्य यंत्रों की धुनों के साथ शोभायात्रा की शुरुआत हुई। इस दौरान गांव की बुजुर्ग महिलाएं भावुक हो गईं और देवी को विदाई देने काफी दूर तक साथ चलती रहीं।
भक्ति और आस्था का दृश्य
लगभग एक किलोमीटर की यात्रा के बाद सुबह आठ बजे गौरी माई की शोभायात्रा गौरीकुंड बाजार पहुंची। यहां स्थानीय लोगों ने फूल और अक्षत से देवी का स्वागत किया। मां की मूर्ति को मंदिर परिसर में लाकर तीन परिक्रमा कराई गई और फिर पुजारियों व हक-हकूकधारियों की उपस्थिति में विधिवत पूजा के साथ सुबह साढ़े आठ बजे मंदिर के कपाट खोले गए।
छह माह तक होंगी पूजा-अर्चनाएं
अब मां गौरी माई की मूर्ति अगले छह माह तक गौरीकुंड मंदिर में स्थापित रहेगी और यहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाएगी। दूर-दूर से आने वाले भक्त यहां देवी के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे।
चारधाम यात्रा की तैयारियां भी जारी
उल्लेखनीय है कि 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है। इसी दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे, जबकि 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
गौरी माई मंदिर का कपाट खुलना न केवल धार्मिक परंपरा का प्रतीक है, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति और आस्था का जीवंत उदाहरण भी है। बैसाखी के मौके पर आयोजित यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार अनुभव बन गया।