
नई दिल्ली, 22 मई 2025 – विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान और विशेष रूप से उसके सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला न केवल निर्दोष लोगों की हत्या थी, बल्कि इसे धार्मिक आधार पर योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया।
डच मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा, “हमले में पीड़ितों की धार्मिक पहचान जानने के बाद उन्हें मौत के घाट उतारा गया। यह कोई सामान्य हिंसा नहीं थी, बल्कि धार्मिक आधार पर नफरत फैलाने की सोची-समझी साजिश थी।”
जयशंकर ने जनरल असीम मुनीर पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान की लीडरशिप, खासकर उसका आर्मी चीफ, ‘गंभीर रूप से धार्मिक चरमपंथ’ से प्रेरित है। उनके अनुसार, इस मानसिकता ने आतंकी संगठनों को ऐसी हिंसक घटनाएं अंजाम देने के लिए प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी नेतृत्व और उसके विचारों के बीच जो तालमेल है, वो इन हमलों में साफ दिखता है। यह केवल आतंकवाद नहीं, बल्कि एक विचारधारा की अभिव्यक्ति है – और यही सबसे बड़ा खतरा है।”
भारत-पाक संघर्ष की नई शुरुआत
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत-पाकिस्तान के बीच ताजा तनाव की जड़ें इसी हमले में हैं। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुई यह घटना सिर्फ लोगों को डराने के लिए नहीं थी, बल्कि इसका उद्देश्य भारत के सामाजिक ताने-बाने और पर्यटन जैसे शांतिपूर्ण क्षेत्रों को भी चोट पहुंचाना था।
“जब एक आतंकी समूह धर्म के नाम पर लोगों को चुनकर मारता है, तो यह केवल हिंसा नहीं बल्कि एक वैचारिक युद्ध है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत इस हमले के बाद केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सख्त और ठोस रणनीति के साथ आगे बढ़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की घेरेबंदी
जयशंकर के इस बयान से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की स्थिति और अधिक मुश्किल में आ सकती है। भारत अब इस मुद्दे को केवल द्विपक्षीय सीमा तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि इसे वैश्विक आतंकवाद के संदर्भ में भी प्रस्तुत कर रहा है।