
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो केवल ब्लड शुगर को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि शरीर के अन्य अंगों पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकती है, खासकर आंखों पर। ब्लड शुगर के लंबे समय तक अनियंत्रित रहने पर डायबिटीज रोगियों में आंखों की कई समस्याएं विकसित हो सकती हैं। इनमें **डायबिटिक रेटिनोपैथी, मोतियाबिंद (कैटरेक्ट), ग्लूकोमा, और मैक्यूलर एडिमा** शामिल हैं, जो दृष्टि हानि और अंधेपन का कारण बन सकते हैं।
डायबिटिक रेटिनोपैथी: कैसे होता है असर
डायबिटिक रेटिनोपैथी एक ऐसी जटिलता है, जो डायबिटीज के कारण आंखों के रेटिना में छोटी रक्त वाहिकाओं की क्षति से होती है। रेटिना वह हिस्सा है जो रोशनी को दृष्टि में बदलने में मदद करता है। जब ब्लड शुगर का स्तर अधिक होता है, तो यह रेटिना में सूजन, रिसाव और रक्त वाहिकाओं की दीवारों में कमजोर होने का कारण बनता है। इसका परिणाम रेटिना पर सफेद धब्बों, धुंधले दृष्टि, और अंततः दृष्टि हानि के रूप में हो सकता है।
डायबिटिक रेटिनोपैथी के चरण:
1. नॉन-प्रोलिफेरेटिव रेटिनोपैथी – शुरुआती अवस्था में छोटी रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं और उनमें सूजन हो सकती है।
2. प्रोलिफेरेटिव रेटिनोपैथी – गंभीर अवस्था में रक्त वाहिकाएं फटने लगती हैं और नई रक्त वाहिकाओं का निर्माण होता है, जो दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।
आंखों की नियमित जांच क्यों है जरूरी?
डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए साल में एक बार आंखों की जांच अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। कई बार शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन जांच से शुरुआती अवस्था में ही समस्याओं का पता चल सकता है। यदि डायबिटिक रेटिनोपैथी का समय पर पता नहीं चलता, तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है।
डायबिटीज से आंखों की सुरक्षा के उपाय
1. नियमित आई चेकअप: साल में एक बार आई चेकअप कराएं, ताकि डायबिटिक रेटिनोपैथी या अन्य समस्याओं का जल्द पता लग सके।
2. ब्लड शुगर का नियंत्रण: शुगर को नियंत्रण में रखने से आंखों की समस्याओं के खतरे को कम किया जा सकता है।
3. स्वस्थ जीवनशैली: डायबिटीज रोगियों को स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए।
4. रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का ध्यान: उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का लेवल नियंत्रित रखना भी आवश्यक है।
ए आर रहमान का संदेश
विश्व डायबिटीज दिवस पर ए आर रहमान ने डायबिटीज रोगियों से अपील की कि वे ब्लड शुगर के साथ-साथ आंखों की देखभाल पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा कि एक साधारण वार्षिक नेत्र परीक्षण से दृष्टि सुरक्षित की जा सकती है। उनकी यह जागरूकता पहल लोगों को अपने स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने और आंखों की नियमित जांच के लिए प्रेरित कर रही है।
इस प्रकार, विश्व डायबिटीज दिवस पर यह संदेश फैलाना महत्वपूर्ण है कि डायबिटीज केवल ब्लड शुगर का मामला नहीं है बल्कि इससे जुड़ी अन्य समस्याओं के प्रति भी जागरूकता की आवश्यकता है, ताकि एक स्वस्थ और उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके।