
देहरादून। भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बाद भले ही स्थिति अब सामान्य हो गई हो, लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। जिला प्रशासन ने शहर में हाई पावर इलेक्ट्रॉनिक सायरन सिस्टम स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रशासन ने 25 लाख रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया है। इन सायरनों का मुख्य उद्देश्य किसी भी आपातकालीन परिस्थिति में आम जनता को तुरंत सतर्क करना है।
पुलिस चौकियों और थानों पर होंगे सायरन तैनात
प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुसार, इन सायरनों को देहरादून शहर के प्रमुख थाना क्षेत्रों और चौकियों पर लगाया जाएगा। सायरन सिस्टम को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा, जिससे आवश्यकता पड़ने पर सभी सायरन एक साथ बज सकेंगे। इस प्रणाली की मदद से प्रशासन आपात स्थिति जैसे हवाई हमले, आतंकी गतिविधियों या प्राकृतिक आपदाओं के समय त्वरित चेतावनी जारी कर सकेगा।
मॉक ड्रिल के दौरान सामने आई कमियों के बाद लिया फैसला
गौरतलब है कि भारत-पाक तनाव के दौरान 8 मई को देहरादून में एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी। इस दौरान आराघर चौकी, धारा चौकी, आईएसबीटी, एमडीडीए कॉलोनी और इनएवीएच जैसे क्षेत्रों में सायरन सिस्टम का ट्रायल किया गया। ट्रायल के दौरान पाया गया कि सायरनों की आवाज बहुत कमजोर थी और वह दूर-दराज तक नहीं पहुंच पा रही थी। इस तकनीकी खामी के बाद जिलाधिकारी सविन बंसल ने समीक्षा बैठक की और नए व शक्तिशाली सायरन लगाने का निर्णय लिया।
8 से 16 किलोमीटर तक सुनाई देंगे सायरन
प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, लगाए जाने वाले 15 सायरनों में से 10 सायरन ऐसे होंगे जिनकी आवाज आठ किलोमीटर तक सुनी जा सकेगी, जबकि पांच सायरनों की ध्वनि सीमा 16 किलोमीटर तक होगी। ये सायरन केवल हवाई हमले या आतंकी घटनाओं तक सीमित नहीं होंगे, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, बाढ़ या भूस्खलन की स्थिति में भी नागरिकों को सतर्क करने का काम करेंगे।
फंडिंग और क्रय प्रक्रिया पूरी
जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि सायरन सिस्टम की खरीद के लिए आवश्यक धनराशि “अनटाइड फंड” से आवंटित की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सायरनों की खरीद प्रक्रिया के लिए क्रय आदेश (Purchase Order) जारी कर दिए गए हैं। बहुत जल्द ही इन इलेक्ट्रॉनिक सायरनों की आपूर्ति की जाएगी और इन्हें चिन्हित स्थानों पर स्थापित कर संचालन शुरू किया जाएगा।
सार्वजनिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह कदम देहरादून शहर को आपातकालीन चेतावनी व्यवस्था में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि समय रहते चेतावनी मिलने पर जनहानि को काफी हद तक टाला जा सकता है। ऐसे में हाई पावर सायरन सिस्टम एक प्रभावी उपाय साबित हो सकता है।
देहरादून प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय न केवल वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए अत्यंत आवश्यक है, बल्कि यह भविष्य की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए भी एक प्रगतिशील कदम है। तेज आवाज वाले इन सायरनों की तैनाती से आपातकालीन स्थिति में शहरवासियों को समय रहते सतर्क किया जा सकेगा और प्रशासन की प्रतिक्रिया क्षमता में भी इजाफा होगा।