
देहरादून: उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य कलाकार घनानंद का आज इंद्रेश अस्पताल में निधन हो गया। वह प्रोस्टेट की समस्या के कारण अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन कार्डियक अरेस्ट के चलते उन्होंने अंतिम सांस ली।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने जताया शोक
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने घनानंद के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में एक पहाड़ी गीत के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
“अफु रवे भि होलू पर हमेशा हमथें हैंसाणु रै,
पर आज हम सब्बू थें रूले गे… दुःखद खबर।”
नेगी जी ने लिखा कि डॉक्टरों ने घनानंद को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका। उन्होंने दिवंगत कलाकार के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए भगवान से इस दुख को सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।
अस्पताल ने की निधन की पुष्टि
महंत इंद्रेश अस्पताल के पीआरओ भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि घनानंद का निधन हृदय गति रुकने (Cardiac Arrest) से हुआ।
- डॉक्टरों ने सीपीआर देकर बचाने की कोशिश की, लेकिन वह रिवाइव नहीं हो सके।
- घनानंद उत्तराखंड रंगमंच के अनुभवी कलाकारों में शामिल थे और उनकी कॉमेडी का अलग ही अंदाज था।
कलाकार घनानंद का सफर
- 1953 में पौड़ी गढ़वाल के गगोड़ गांव में जन्मे घनानंद की प्रारंभिक शिक्षा लैंसडाउन के कैंट बोर्ड स्कूल में हुई।
- उन्होंने 1970 के दशक में रामलीलाओं और नाटकों में अभिनय करना शुरू किया।
- हास्य कलाकार के रूप में उन्होंने उत्तराखंड की कला और संस्कृति को समृद्ध किया।
शोक में डूबे प्रशंसक
घनानंद के निधन से उनके चाहने वाले और उत्तराखंड के कलाकारों में गहरा शोक है। उनकी हास्य कला और रंगमंच में योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
ॐ शांति।