हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े वन क्षेत्र, तराई पूर्वी वन प्रभाग, में मानव-वन्यजीव टकराव की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए वन विभाग ने ग्रामीणों में जागरूकता फैलाने का फैसला किया है। बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने इस उद्देश्य से मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस वैन के माध्यम से वन विभाग गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों को वन्यजीवों के व्यवहार, सुरक्षा उपायों, और टकराव की रोकथाम के बारे में जागरूक करेगा।
डीएफओ हिमांशु बागड़ी ने बताया कि तराई और भाबर के जंगलों से सटे गांवों में लोग अक्सर वन्यजीवों के व्यवहार से अनभिज्ञ होते हैं, जिससे संघर्ष की घटनाएं बढ़ जाती हैं, विशेष रूप से सर्दियों में। इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने एक महीने का जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसमें मोबाइल वैन ग्रामीण क्षेत्रों, स्कूलों और संवेदनशील स्थानों पर जाकर लोगों को जागरूक करेगी।
यह मोबाइल वैन वन्यजीव विशेषज्ञों, पशु चिकित्सकों और वन अधिकारी-कर्मचारियों से सुसज्जित है, जो ग्राम प्रधानों और शिक्षकों के सहयोग से बच्चों और ग्रामीणों को वन्यजीवों से सुरक्षित रहने के उपाय बताएंगे। सांसद अजय भट्ट ने इस पहल को सराहनीय बताया और उम्मीद जताई कि इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी आएगी।
वन विभाग ने तराई पूर्वी वन प्रभाग के सभी संवेदनशील गांवों को चिन्हित कर उनका रोस्टर तैयार किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह क्षेत्र खटीमा से इस जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई है।