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गंगासागर मेला 2025: ड्रोन से होगी तीर्थयात्रियों की मदद, सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष जोर

Gangasagar Mela 2025: Drones will help pilgrims, special emphasis on safety and facilities

कोलकाता:  पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के सागर द्वीप में 10 से 17 जनवरी 2025 तक गंगासागर तीर्थयात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस बार आयोजन की खास बात यह है कि पहली बार विशेष ड्रोन का उपयोग फंसे हुए तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए किया जाएगा। ये ड्रोन जरूरतमंदों तक भोजन, पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाएंगे।

ड्रोन से तीर्थयात्रियों की मदद

गंगासागर मेले में सुरक्षा के लिए ड्रोन का उपयोग लंबे समय से हो रहा है, लेकिन इस बार विशेष ड्रोन तैनात किए जा रहे हैं, जो फंसे हुए तीर्थयात्रियों तक तुरंत सहायता पहुंचाएंगे।

  • मुरीगंगा नदी पर फोकस: काकद्वीप और सागर द्वीप को जोड़ने वाली मुरीगंगा नदी में कम बहाव के कारण तीर्थयात्री घंटों फंसे रहते हैं। इस समस्या को हल करने के लिए ड्रोन का उपयोग किया जाएगा।
  • 25 ड्रोन तैनात: जिला मजिस्ट्रेट सुमित गुप्ता के अनुसार, इस बार निगरानी और सहायता के लिए कुल 25 ड्रोन तैनात किए जाएंगे।

सुविधाएं और नवाचार

गंगासागर मेले में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए कई नई व्यवस्थाएं की गई हैं:

  1. एंटी-फॉग लाइट्स: कोहरे के कारण जहाजों को परिचालन में आने वाली दिक्कतों को हल करने के लिए एंटी-फॉग लाइट्स लगाई जाएंगी।
  2. नए जहाज और जेटी: 21 जेटी, 35 जहाज, और 9 अत्याधुनिक बजरों की व्यवस्था की गई है।
  3. बफर जोन: बाबूघाट से कचुबेरिया तक बफर जोन बनाया गया है, जहां तीर्थयात्रियों को पीने का पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान

गंगासागर मेले की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

  • 13,000 पुलिसकर्मी तैनात: मेले के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात रहेगा।
  • सीमा पर कड़ी निगरानी: भारत-बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और तस्करी को रोकने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है।
  • तटरक्षक और एनडीआरएफ की टीमें: नदी और तटीय क्षेत्रों में गश्त के लिए विशेष टीमें तैनात की जाएंगी।

तीर्थयात्रियों की संख्या का अनुमान मुश्किल

पिछले साल मेले में लगभग 1 करोड़ तीर्थयात्री आए थे। इस बार प्रयागराज महाकुंभ के चलते गंगासागर मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का सही अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है।

निष्कर्ष: इस साल गंगासागर तीर्थयात्रा में आधुनिक तकनीक और बेहतर व्यवस्थाओं के जरिए तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करने की तैयारी है। ड्रोन और अन्य नवाचार इस आयोजन को और खास बनाएंगे।

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