नई दिल्ली, 28 नवंबर 2024 – भारत सरकार ने टैक्स पेयर्स के लिए परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) का नया और आधुनिक संस्करण पैन 2.0 लॉन्च कर दिया है। यह पहल टैक्स प्रक्रिया को अधिक डिजिटल, कुशल और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 25 नवंबर को इसे मंजूरी दी और परियोजना के लिए 1,435 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया।
पैन 2.0: क्या है खास?
पैन 2.0 मौजूदा पैन सिस्टम का उन्नत और समन्वित संस्करण है। इसमें पैन, टैन और टिन को एकीकृत करते हुए एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया गया है। यह पहल सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत टैक्स सेवाओं में स्पीड, सटीकता और एफिशियंसी लाने पर केंद्रित है।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पैन 2.0 टैक्स सेवाओं को पेपरलेस, सुरक्षित और अधिक पारदर्शी बनाएगा। उन्होंने बताया कि यह प्लेटफॉर्म आधुनिक तकनीक और इको-फ्रेंडली प्रैक्टिस का उपयोग करेगा, जिससे डेटा सुरक्षा और प्रक्रिया दक्षता में सुधार होगा।
पैन 2.0 के फायदे
- तेजी से प्रोसेसिंग: आवेदन और अपडेट का समय कम होगा।
- डेटा की सटीकता: एकीकृत डेटाबेस त्रुटियों को कम करेगा और करदाताओं की जानकारी में एकरूपता लाएगा।
- डिजिटल अनुभव: पूरी प्रक्रिया डिजिटल होगी, जिससे कागजी कार्रवाई खत्म होगी।
- सुरक्षा में वृद्धि: संवेदनशील करदाता डेटा के लिए उन्नत सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
- निःशुल्क अपग्रेडेशन: मौजूदा पैन कार्ड होल्डर्स बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपने कार्ड को पैन 2.0 में अपग्रेड कर सकते हैं।
- शिकायत समाधान में सुधार: एक अधिक कुशल तंत्र के माध्यम से करदाताओं की समस्याओं का समाधान तेजी से किया जाएगा।
मौजूदा पैन होल्डर्स के लिए क्या है?
केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि मौजूदा पैन कार्ड धारकों को नया पैन नंबर लेने की जरूरत नहीं है। उनका वर्तमान पैन कार्ड वैध रहेगा। हालांकि, उन्हें पैन 2.0 में अपग्रेड करने का विकल्प मिलेगा, जो बिल्कुल निःशुल्क होगा।
टैक्स प्रशासन में बदलाव की जरूरत
सरकार ने कहा कि मौजूदा पैन/टैन सिस्टम लंबे समय से कार्यशील है, लेकिन यह आधुनिक टैक्स प्रशासन के लिए आवश्यक तकनीकी प्रगति से वंचित था। पैन 2.0 के जरिए सरकार ने करदाताओं को एक बेहतर और उपयोगकर्ता-अनुकूल अनुभव प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
निष्कर्ष
पैन 2.0 के लॉन्च से भारत में टैक्स सेवाओं में एक नई क्रांति आएगी। यह न केवल प्रक्रिया को तेज और सुरक्षित बनाएगा, बल्कि डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को और सशक्त करेगा। करदाता इस नई प्रणाली के माध्यम से अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और कुशल सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।