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GPS Toll System in India: फास्टैग की विदाई, अब टोल वसूली में आएगा GPS का जमाना

GPS Toll System in India: Farewell to Fastag, now the era of GPS will come in toll collection

नई दिल्ली – भारत में टोल वसूली की प्रणाली में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि अगले 15 दिनों के भीतर GPS आधारित टोल सिस्टम की शुरुआत की जाएगी। इससे मौजूदा FASTag प्रणाली को धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाएगा और टोल टैक्स की वसूली पूरी तरह डिजिटल और दूरी-आधारित हो जाएगी।

क्या है GPS टोल प्रणाली?

GPS आधारित टोल प्रणाली में वाहनों में लगे जीपीएस ट्रैकर के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि वाहन ने हाईवे पर कितनी दूरी तय की है। उसी आधार पर टोल शुल्क लिया जाएगा। यह प्रणाली पे-पर-यूज़ मॉडल पर आधारित है, जिसमें जितनी दूरी तय करेंगे, उतना ही भुगतान करना होगा।

गडकरी का ऐलान

गडकरी ने कहा, “हम देशभर में एक नई डिजिटल टोल प्रणाली लागू करने की तैयारी कर चुके हैं। आने वाले 15 दिनों में इसका परीक्षण शुरू होगा। यह तकनीक पारदर्शिता और सुविधा के लिहाज से बेहद कारगर साबित होगी।”

कैसे काम करेगा GPS टोल सिस्टम?

  1. सभी वाहनों में एक अनिवार्य GPS डिवाइस लगाया जाएगा।
  2. वाहन जैसे ही टोल मार्ग पर प्रवेश करेगा, उसका डेटा रियल टाइम में ट्रैक होगा।
  3. यात्रा की दूरी के अनुसार ही टोल शुल्क डायरेक्ट बैंक खाते या वॉलेट से काट लिया जाएगा।
  4. इस प्रक्रिया में टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी।

क्या होंगे फायदे?

  • टोल प्लाजा पर लंबी कतारों से छुटकारा मिलेगा।
  • ईंधन और समय की बचत होगी।
  • ओवरचार्जिंग की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
  • पूरी प्रक्रिया डिजिटल और पारदर्शी होगी।

चुनौतियाँ भी मौजूद

हालांकि यह प्रणाली उन्नत और आधुनिक है, लेकिन देशभर में वाहनों में GPS लगाना, नेटवर्क कनेक्टिविटी और डेटा सुरक्षा जैसी चुनौतियों से भी निपटना होगा।

भारत सरकार की यह पहल देश को टोल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे ले जाने वाली है। यदि यह प्रणाली सफल होती है, तो देश की सड़क व्यवस्था अधिक स्मार्ट, तेज और सुविधाजनक बन जाएगी।

 

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