देहरादून: ओएनजीसी स्टेडियम में आयोजित ‘आदि गौरव महोत्सव’ का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। तीन दिवसीय इस महोत्सव (15 से 17 नवंबर) में उत्तराखंड की जनजातीय विरासत, संस्कृति और विकास की दिशा में प्रयासों को उजागर किया गया। सीएम धामी ने महोत्सव में लगे विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया और जनजातीय समुदाय के लोगों के साथ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में जमकर थिरके।
जनजातीय योजनाओं की सौगात
महोत्सव के दौरान सीएम धामी ने वर्चुअली पीएम जनमन योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि और आयुष्मान भारत के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र सौंपे। उन्होंने उधमसिंह नगर के कुल्हा और कोटद्वार के लछमपुर में दो हॉस्टल बिल्डिंग का शिलान्यास भी किया।
जनजातीय गौरव दिवस पर खास फोकस
सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 2021 से ‘जनजातीय गौरव दिवस’ मनाया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा में शामिल करते हुए उनके समग्र विकास को गति देना है। उन्होंने उत्तराखंड की पांच प्रमुख जनजातियों—जौनसारी, भोटिया, थारू, बुक्सा और राजी—के उत्थान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ का ऐलान
सीएम धामी ने घोषणा की कि जनजातीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल ‘जनजातीय विज्ञान महोत्सव’ का आयोजन किया जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड जनजातीय शोध संस्थान (TRI) को पर्याप्त धनराशि मुहैया कराई जाएगी।
128 गांवों में विकास का ब्लूप्रिंट
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों को चयनित किया गया है। इन गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, आर्थिक सशक्तिकरण और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं लागू की जाएंगी।
यह महोत्सव जनजातीय समुदायों के सशक्तिकरण और उनके सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा देने का प्रतीक बनकर उभरा है।