
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को मंजूरी देकर उच्च शिक्षा और शोध के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाया। इस योजना से देश के लगभग 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक, और शोधकर्ता अंतरराष्ट्रीय विद्वानों की पत्रिकाओं और शोध प्रकाशनों तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि योजना के तहत 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय जर्नल प्रकाशकों के 13,000 ई-जर्नल्स को 6,300 से अधिक सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास संस्थानों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य टियर 2 और टियर 3 शहरों के छात्रों और शोधकर्ताओं को विश्व स्तरीय शैक्षणिक संसाधनों से जोड़ना है।
डिजिटल क्रांति में बड़ा कदम
यह योजना पूरी तरह डिजिटल होगी, जिसका समन्वय विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) करेगा। इसके लिए 2025-2027 तक कुल 6,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) के उद्देश्यों के अनुरूप है।
सभी विषयों में शिक्षा और शोध का विस्तार
वैष्णव ने कहा कि योजना भारत के वैश्विक अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में मजबूती से अपनी पहचान बनाने में मदद करेगी। यह वैज्ञानिक समुदाय, छात्रों और शिक्षकों को नई खोजों और नवीन विचारों से जोड़ने का एक बड़ा माध्यम बनेगी।
भविष्य की ओर कदम
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध को प्रोत्साहित करना है। यह योजना छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए एक सशक्त प्लेटफॉर्म बनकर उनकी शैक्षणिक यात्रा को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाएगी।