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गुजरात बना कांग्रेस के संगठनात्मक सुधार का मॉडल, 2027 चुनाव से पहले जिला इकाइयों को सशक्त करने की कवायद तेज़

Gujarat becomes a model for Congress' organizational reform, efforts to strengthen district units intensify before 2027 elections

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने संगठनात्मक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पहली बार देशभर से कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) सदस्यों और वरिष्ठ नेताओं को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया है। इनका मकसद गुजरात के 41 नए जिला इकाई प्रमुखों की नियुक्ति प्रक्रिया की निगरानी करना है। यह पहल कांग्रेस की उस नई सोच को दर्शाती है जिसके तहत पार्टी अपने जमीनी ढांचे को मज़बूत करके भविष्य की राजनीतिक लड़ाइयों के लिए खुद को तैयार कर रही है।

पहली बार जिला इकाइयों के चयन में राष्ट्रीय स्तर की भागीदारी
अब तक जिला इकाई प्रमुखों की नियुक्ति राज्य प्रभारी और स्थानीय नेताओं के बीच विचार-विमर्श से होती थी, लेकिन इस बार शीर्ष नेतृत्व की सीधी भागीदारी इसे एक नए स्तर पर ले जाती है। कांग्रेस इस मॉडल को पूरे देश में लागू करने की तैयारी में है ताकि संगठनात्मक ढांचे को मज़बूती दी जा सके और जिला स्तर पर नेतृत्व को अधिक अधिकार और जवाबदेही मिल सके।

राहुल गांधी की पहल, गुजरात बना प्रयोगशाला
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने संगठन को जमीनी स्तर से मज़बूत करने की दृष्टि से इस बदलाव की पहल की है। उनका मानना है कि जिला इकाई प्रमुखों को यदि अधिकार और जिम्मेदारी दी जाए तो वे कांग्रेस को फिर से जन-आंदोलन का रूप दे सकते हैं। गुजरात, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का गृह राज्य है, को उन्होंने इस बदलाव के लिए मॉडल के रूप में चुना है।

15 अप्रैल को होगी पहली बैठक, व्यापक तैनाती की तैयारी
41 जिलों में नियुक्तियों की प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए 43 केंद्रीय पर्यवेक्षक और 183 राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। इनकी पहली बैठक 15 अप्रैल को अरावली जिले के मोडासा में होगी, जहां भविष्य की कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी।

अहमदाबाद अधिवेशन के बाद बदली रणनीति
8-9 अप्रैल को अहमदाबाद में हुए AICC अधिवेशन में 2000 से अधिक प्रतिनिधियों ने संगठनात्मक सुधार की इस योजना का समर्थन किया। राहुल गांधी ने इससे पहले गुजरात का दौरा कर基层 (जमीनी) नेताओं से संवाद किया और संकेत दिए कि नियुक्तियों के बाद वह फिर से राज्य का दौरा कर सकते हैं।

भाजपा को चुनौती देने की रणनीति
गुजरात में तीन दशकों से विपक्ष में रही कांग्रेस इस बार भाजपा को घेरने की पूरी तैयारी में है। विपक्ष के नेता अमित चावड़ा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के आने से 2022 में कांग्रेस का वोट शेयर गिरा, लेकिन अब AAP ने जमीन खो दी है और जनता फिर से कांग्रेस की ओर लौट रही है। चावड़ा ने विश्वास जताया कि यदि संगठन मजबूत किया जाए और प्रभावी अभियान चलाया जाए, तो भाजपा को हराना संभव है।

कांग्रेस का यह कदम न केवल संगठनात्मक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह संकेत भी है कि पार्टी अब जमीन पर उतर कर चुनावी रणनीति को धार देना चाहती है। गुजरात में इस प्रयोग की सफलता कांग्रेस के भविष्य की दिशा तय कर सकती है।

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