देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड में 2 अक्टूबर 2024 को हुए बड़े साइबर अटैक का पर्दाफाश हो चुका है। हैकर्स ने राज्य सरकार से जुड़ी कई अहम वेबसाइट्स और सिस्टमों को हैक कर लिया था और डाटा रिकवरी के बदले मोटी रकम की मांग की थी। इस घटना को लेकर पहले कई अलग-अलग बातें सामने आ रही थीं, लेकिन 7 अक्टूबर की रात को स्थिति स्पष्ट हुई, जब सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट की प्रभारी रचना सागर श्रीवास्तव की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
घटना का विवरण:
2 अक्टूबर को दोपहर लगभग 2:45 बजे उत्तराखंड के सरकारी सिस्टम्स हैक कर लिए गए थे, जिसमें सबसे पहले सीसीटीएनएस (Crime and Criminal Tracking Network and Systems) का सिस्टम निशाना बना। यह वही सिस्टम है जिसके माध्यम से पुलिस विभिन्न राज्यों के बीच आपराधिक रिकॉर्ड्स का आदान-प्रदान करती है और ऑनलाइन आपराधिक रिकॉर्ड्स को अपडेट करती है। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आईटीडीए (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एजेंसी) से संपर्क किया। जांच में यह सामने आया कि हैकर्स ने प्रत्येक सिस्टम में एक नोटपैड संदेश छोड़ा था, जिसमें दो ईमेल आईडी दी गई थीं—hermesaa@tutamail.com और linger11@cock.li। इन ईमेल आईडी के माध्यम से हैकर्स ने प्रशासन से संपर्क करने और डाटा की सुरक्षा के बदले फिरौती की मांग की थी।
तेजी से बढ़ी जांच:
पुलिस ने 2 अक्टूबर को ही तत्काल कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और इसे साइबर अपराध और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत गंभीरता से लिया। इसके साथ ही एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को भी जांच में शामिल किया गया। गृह सचिव शैलेश बगोली ने पुष्टि की कि यह मामला बेहद गंभीर है और इसे सुलझाने के लिए एसटीएफ और साइबर टीम को सक्रिय किया गया है। डीजीपी अभिनव कुमार ने भी बताया कि एनआईए को इस मामले में शामिल कर लिया गया है, ताकि राज्य के पूरे सिस्टम से जुड़े इस साइबर अटैक की गहराई से जांच हो सके।
नुकसान और रिकवरी:
7 अक्टूबर की देर रात तक प्रभावित सिस्टमों को वापस सुचारू कर दिया गया था, लेकिन इस हमले के कारण उत्तराखंड स्टेट डाटा सेंटर की 18 से अधिक वेबसाइट्स प्रभावित हो गई थीं। अब इन वेबसाइट्स को रिकवर करने का काम तेजी से चल रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि जिस वायरस का उपयोग हैकर्स ने किया था, वह अत्यधिक जटिल था, जिससे पूरे सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचा।
अधिकारी क्या कह रहे हैं:
गृह सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि इस घटना में एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है और एसटीएफ व साइबर टीम को जांच में लगाया गया है। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए और एसटीएफ दोनों एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस साइबर अटैक के पीछे के अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।
उत्तराखंड सरकार और पुलिस प्रशासन इस साइबर अटैक को राज्य की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चेतावनी मान रहे हैं और इससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।