
नई दिल्ली: पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। इजराइल और ईरान के बीच तनाव ने शनिवार को खतरनाक रूप ले लिया, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ हवाई हमले किए। यह टकराव उस समय और तीव्र हो गया जब इजराइल ने ईरान की परमाणु क्षमताओं को खत्म करने के लिए अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इन हमलों को एक “दीर्घकालिक अभियान” की शुरुआत बताया है।
भारत और वैश्विक बाजारों पर असर
इस संघर्ष का असर केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं है। तेल की कीमतों में उछाल और वैश्विक व्यापार मार्गों पर मंडरा रहे खतरे ने भारत सहित कई देशों की आर्थिक चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी क्रूड की कीमतें 8.2% तक बढ़ गईं, जबकि ब्रेंट क्रूड की कीमत 5.52 डॉलर प्रति बैरल बढ़ी।
भारतीय शेयर बाजारों में भी इसका प्रभाव देखा गया। तेल और गैस कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई और निफ्टी तथा सेंसेक्स में 1.2% की गिरावट दर्ज की गई।
हवाई क्षेत्र बंद, उड़ानें प्रभावित
इजराइल और ईरान दोनों ने अपने हवाई क्षेत्र को अगली सूचना तक बंद कर दिया है। इसके चलते कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को डायवर्ट या रद्द करना पड़ा है। एयर इंडिया ने न्यूयॉर्क, वैंकूवर, शिकागो और लंदन से आने वाली उड़ानों को या तो वापस भेज दिया या अन्य मार्गों पर मोड़ दिया है। इराक और जॉर्डन ने भी अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने की घोषणा की है।
व्यापारिक मार्गों पर खतरा
भारत की आर्थिक सेहत फारस की खाड़ी, होर्मुज जलडमरूमध्य और लाल सागर से गुजरने वाले सुरक्षित शिपिंग मार्गों पर निर्भर करती है। इस संघर्ष ने इन मार्गों की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। जहाजों को अब वैकल्पिक लंबा मार्ग अपनाना पड़ सकता है, जिससे शिपिंग लागत और बीमा प्रीमियम बढ़ने की आशंका है।
इजरायल का दावा: ईरानी सैन्य नेता मारे गए
इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने दावा किया है कि उसने 200 से अधिक फाइटर जेट्स से हमला करते हुए ईरानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोहम्मद बाघेरी, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख हुसैन सलामी और आपातकालीन कमांडर को मार गिराया है।
ईरान की जवाबी कार्रवाई
ईरान ने सैकड़ों ड्रोन लॉन्च करके इजराइल पर हमला किया है। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने चेतावनी दी है कि इजरायल को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। यह संघर्ष यदि और बढ़ता है, तो इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था और शांति पर गंभीर हो सकता है।