
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई। यह बैठक पीएम आवास पर आयोजित की गई, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
हमले के बाद उठाए जाएंगे निर्णायक कदम
इस बैठक में पहलगाम में हुई घटना की गंभीर समीक्षा की गई और आतंकवाद के खिलाफ जवाबी रणनीति पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि भारत अब जवाबी कार्रवाई के लिए ठोस कदम उठा सकता है। सरकार का रुख साफ है कि देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा और आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में काम किया जाएगा।
अब तक का सबसे घातक हमला
यह हमला सोमवार को अनंतनाग जिले के बैसरन घास के मैदान में हुआ, जहां घूमने आए पर्यटकों पर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई। यह हमला कश्मीर घाटी में पुलवामा के बाद सबसे भीषण हमला माना जा रहा है।
TRF पर हमले की साजिश का शक
सूत्रों के मुताबिक, इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट संगठन ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) पर जा रही है। यह आतंकी संगठन पहले भी घाटी में लक्षित हत्याओं और सुरक्षा बलों पर हमलों में शामिल रहा है। TRF को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन प्राप्त होने की भी आशंका है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठेगा मामला
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस आतंकी हमले को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को बेनकाब किया जाएगा। विदेश मंत्रालय इस हमले के सबूतों के साथ दुनिया को यह बताएगा कि पाकिस्तान की धरती से चल रहे आतंकी नेटवर्क कैसे भारत की शांति और स्थिरता को प्रभावित कर रहे हैं।
भारत की आतंक के खिलाफ नीति स्पष्ट
सरकार ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति ‘जीरो टॉलरेंस’ की है और आने वाले दिनों में आतंकियों के खिलाफ कड़े और निर्णायक कदम उठाए जाएंगे। सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क रहने और राज्य में चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
यह बैठक इस बात का संकेत है कि भारत अब न सिर्फ आतंकी हमलों का जवाब देगा, बल्कि उनकी जड़ों को भी खत्म करने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाएगा।