
रुद्रप्रयाग:
उत्तराखंड में जारी चारधाम यात्रा इस वर्ष अभूतपूर्व जनसैलाब का गवाह बन रही है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और हेमकुंड साहिब में श्रद्धा की लहर उमड़ रही है, जहां हर दिन हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं की आमद ने धार्मिक वातावरण को और अधिक जीवंत बना दिया है, हालांकि इससे व्यवस्थाओं पर भी दबाव बढ़ गया है।
केदारनाथ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
केदारनाथ धाम, जहां हिमालय की गोद में स्थित शिवलिंग के दर्शन के लिए दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं, वहां शुक्रवार को 26,032 तीर्थयात्री पहुंचे। अब तक कुल 8.42 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। लगातार बढ़ती भीड़ के बीच तीर्थयात्री बर्फीले रास्तों को पार कर इस दिव्य स्थल तक पहुंच रहे हैं।
गंगोत्री और यमुनोत्री में भी श्रद्धा की बयार
गंगोत्री और यमुनोत्री धामों में भी भक्तों का तांता लगा हुआ है। अब तक गंगोत्री में 3.88 लाख और यमुनोत्री में 3.90 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं, जिससे इन दोनों स्थलों पर कुल यात्रियों की संख्या 7.78 लाख को पार कर चुकी है।
यमुनोत्री में घोड़े-खच्चरों की सेहत बनी चुनौती
यात्रा के दौरान यमुनोत्री मार्ग पर तैनात 130 से अधिक घोड़े-खच्चर ‘अनफिट’ पाए गए हैं। पशुपालन विभाग ने इनकी स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। विशेषज्ञ इन जानवरों में किसी संभावित बीमारी की जांच कर रहे हैं ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब में भी भीड़ का आलम
बद्रीनाथ धाम में शुक्रवार को 26,717 श्रद्धालु पहुंचे, जिससे अब तक यहां दर्शन करने वालों की संख्या 6.30 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं हेमकुंड साहिब में शुक्रवार को 7,402 यात्री पहुंचे और अब कुल आगंतुकों की संख्या 51,000 से अधिक हो गई है।
प्रशासनिक सतर्कता की जरूरत
जहां एक ओर यह तीर्थयात्रा जन-आस्था की अद्भुत मिसाल बन चुकी है, वहीं इसके साथ ही प्रशासन के सामने यात्रियों की सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और आवागमन प्रबंधन जैसी कई चुनौतियाँ भी हैं। सरकार और स्थानीय प्रशासन को यात्रा के सुचारु संचालन के लिए चौकसी और संसाधनों की सतत उपलब्धता बनाए रखनी होगी।