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दिल्ली में प्रदूषण से राहत के लिए आईआईटी कानपुर ने तैयार किया कृत्रिम बारिश का प्लान

IIT Kanpur has prepared a plan for artificial rain to get relief from pollution in Delhi

कानपुर: बढ़ते प्रदूषण से जूझ रही देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के राज्यों को राहत दिलाने के लिए आईआईटी कानपुर ने कृत्रिम बारिश (आर्टिफिशियल रेन) कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। संस्थान के विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे ही दिल्ली सरकार मदद मांगेगी और आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करेगी, उनकी टीम कृत्रिम बारिश का कार्य शुरू कर सकती है।

कैसे होती है कृत्रिम बारिश?

आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के अनुसार, कृत्रिम बारिश के लिए अमेरिका से आयातित विशेष सैन्य विमानों का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में बादलों में रसायन (जैसे सिल्वर आयोडाइड) का छिड़काव किया जाता है, जिससे नमी से भरे बादल बारिश में बदल जाते हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया की सफलता के लिए घने और नमीयुक्त बादलों का होना अनिवार्य है।

कितना आएगा खर्च?

कृत्रिम बारिश के लिए 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में करीब एक करोड़ रुपये का खर्च आता है। बारिश कराने के बाद यह प्रक्रिया प्रदूषण से 10-15 दिनों तक राहत दिला सकती है।

आईआईटी कानपुर की टीम तैयार

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि उनकी टीम हमेशा तैयार है। लेकिन संबंधित राज्यों से अनुरोध और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) व गृह मंत्रालय की अनुमति के बाद ही यह प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

दिल्ली सरकार का अगला कदम

दिल्ली सरकार अगर इस पहल को अमल में लाने का निर्णय लेती है, तो यह बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव को कम करने में एक अहम कदम होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की तकनीक न केवल प्रदूषण बल्कि सूखे जैसी आपदाओं में भी कारगर साबित हो सकती है।

कृत्रिम बारिश से उम्मीदें

प्रदूषण के खिलाफ यह तकनीकी कदम राजधानी के लोगों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है। अब सबकी निगाहें दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया और इसके क्रियान्वयन पर टिकी हैं।

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