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उत्तराखंड हाईकोर्ट में निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण पर राज्य सरकार का महत्वपूर्ण बयान, 15 दिन में अध्यादेश जारी करने का भरोसा

Important statement of the state government on OBC reservation in civic elections in Uttarakhand High Court, assurance of issuing ordinance in 15 days

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में होने वाले निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई की। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में बताया गया कि ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति वी.एस. वर्मा की अध्यक्षता में गठित कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एक नया विधेयक लाया जाएगा। इसके साथ ही राज्य सरकार ने यह भी कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए 15 दिनों के भीतर एक अध्यादेश जारी कर दिया जाएगा।

यह मामला रुद्रपुर निवासी रिजवान अंसारी द्वारा दायर की गई जनहित याचिका से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार 2011 की जनगणना के आधार पर निकायों में आरक्षण तय कर रही है। उनका कहना था कि 2018 के निकाय चुनावों में इसी आधार पर आरक्षण निर्धारित किया गया था, लेकिन अब समय बदल चुका है। पहाड़ी इलाकों की बजाय, प्रदेश के मैदानी इलाकों में ओबीसी का वोट बैंक बढ़ गया है, और इसलिए ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देना चाहिए।

राज्य सरकार की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि आरक्षण की अधिसूचना जारी की जा चुकी है और आपत्तियों का निस्तारण भी किया जा चुका है। अब सरकार इस संबंध में एक नया विधेयक लाकर ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश जारी करेगी।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस आश्वासन को ध्यान में रखते हुए अगली सुनवाई के लिए 15 दिनों का समय दिया है।

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