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Increasing road accidents in Uttarakhand: अल्मोड़ा दुर्घटना ने फिर से जगाई चिंता, 30 से अधिक लोगों की मौत के बाद शोक की लहर

Almora accident raises concern again, wave of mourning after the death of more than 30 people

देहरादून: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में सोमवार, 4 नवंबर को हुए भीषण सड़क हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक दुर्घटना में 30 से अधिक लोगों की जान चली गई, जिससे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य में सड़क हादसे अब एक बड़ी समस्या बन चुके हैं और आए दिन इनकी संख्या में इजाफा होता जा रहा है। उत्तराखंड के इतिहास में बड़े सड़क हादसे आम हो गए हैं और हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

राज्य में सड़क हादसों के प्रमुख कारणों में मौसम, खराब सड़कें, वाहनों की दयनीय स्थिति और मानवीय भूल जैसे कारक शामिल हैं। इन दुर्घटनाओं को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं, मगर दुर्घटनाओं में कमी आना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है। पिछले 24 वर्षों में लगभग 20,000 लोगों की जान सड़क हादसों में गई है, जिनमें से 5,500 से अधिक हादसे पिछले पांच वर्षों में हुए हैं।

बढ़ते हादसों की रोकथाम के प्रयास

हालांकि, पुलिस और परिवहन विभाग समय-समय पर जागरूकता अभियान और सड़क सुरक्षा बैठकें आयोजित करता है, लेकिन इनका प्रभाव सीमित दिखता है। सड़क सुरक्षा में सुधार लाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठकें भी की जाती हैं, मगर आंकड़े बताते हैं कि वास्तविक नतीजों में सुधार की जरूरत है।

हालिया सड़क हादसे: चिंता का विषय

अक्टूबर महीने में टिहरी गढ़वाल के देवप्रयाग में एक आर्मी ट्रक दुर्घटना का शिकार हुआ, वहीं टिहरी जिले में एक तेज रफ्तार मैक्स वाहन भी खाई में गिर गया, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई। इसी महीने, अल्मोड़ा और चमोली जिलों में भी दुर्घटनाओं के मामले सामने आए हैं। इन हादसों में लोग घायल हुए और कुछ की जान भी चली गई। रुद्रप्रयाग में चारधाम यात्रा के दौरान टेम्पो ट्रैवलर के अलकनंदा नदी में गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई थी।

प्रमुख कारण और समाधान की आवश्यकता

उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं के पीछे कई कारण होते हैं, जिनमें से खराब सड़कें, ओवरलोड वाहन और वाहनों की खराब स्थिति प्रमुख हैं। मजिस्ट्रेट जांच बिठाने के बाद भी दुर्घटनाओं के कारणों पर उचित काम नहीं हो पाता है। सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में से सबसे अधिक मानवीय भूल है, जैसे कि शराब पीकर गाड़ी चलाना और तेज रफ्तार में लापरवाही बरतना। इन घटनाओं के बाद, सड़कों की स्थिति सुधारने और सुरक्षित परिवहन के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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