
नई दिल्ली: एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच भारत सरकार ने देश में मौजूदा हालात की समीक्षा की है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की है कि भारत में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और अब तक केवल 257 हल्के मामले सामने आए हैं। इन मामलों में अधिकतर संक्रमण JN.1 वैरिएंट और इसके उप-म्यूटेशन LF.7 और NB.1.8 से जुड़े हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों और निगरानी एजेंसियों के साथ मिलकर संक्रमण की स्थिति, वैरिएंट की जानकारी और तैयारियों का आकलन किया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इन मामलों में किसी भी मरीज को गंभीर लक्षण नहीं हैं और सभी की हालत स्थिर है।
वैरिएंट पर विशेष निगरानी
विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 वैरिएंट की संक्रामकता अधिक है, लेकिन यह गंभीर बीमारी नहीं फैला रहा है। इसके दो प्रमुख उप-वैरिएंट LF.7 और NB.1.8 पर भी नजर रखी जा रही है, हालांकि अभी तक इनके कारण किसी भी मरीज की हालत गंभीर नहीं हुई है। देशभर में जीनोम सीक्वेंसिंग और परीक्षण की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है, खासकर हवाई अड्डों और मेट्रो शहरों में।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव डॉ. राजेश भूषण ने कहा कि भारत अब पहले की तुलना में अधिक तैयार है। “हमारे पास पर्याप्त टेस्टिंग सुविधा, दवाइयों का स्टॉक और अस्पतालों की क्षमता है। किसी भी तरह के फैलाव को रोकने के लिए सक्रिय निगरानी और आइसोलेशन प्रक्रिया अपनाई जा रही है,” उन्होंने कहा।
जनता के लिए सावधानी की अपील
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनें, हाथों की स्वच्छता बनाए रखें और बुखार या सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण होने पर घर पर ही रहें। बुजुर्ग और अन्य संवेदनशील समूहों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
राज्यों को अपने अस्पतालों को अलर्ट पर रखने और आवश्यकता पड़ने पर मॉक ड्रिल करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही वैक्सीनेशन की स्थिति की समीक्षा की जा रही है ताकि समय पर बूस्टर डोज़ दी जा सके।
स्थिति सामान्य लेकिन सतर्कता जरूरी
हालांकि एशिया के कुछ हिस्सों में कोविड मामलों में इजाफा हुआ है, लेकिन भारत में फिलहाल स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सरकार सतर्क है और हर स्तर पर निगरानी की जा रही है ताकि आम जनता को किसी भी संकट से बचाया जा सके।