
गुमी (दक्षिण कोरिया): एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के तीसरे दिन भारतीय एथलीटों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किए। भारी बारिश के बावजूद खिलाड़ियों के हौसले बुलंद रहे और उन्होंने पदक तालिका में भारत को दूसरा स्थान दिला दिया। अब तक भारत कुल 5 स्वर्ण, 6 रजत और 3 कांस्य पदक जीत चुका है।
ज्योति ने तोड़ा चैंपियनशिप रिकॉर्ड
100 मीटर बाधा दौड़ की मौजूदा विजेता ज्योति याराजी ने एक बार फिर खुद को साबित किया। शुरुआती धीमी रफ्तार के बाद उन्होंने चीन की वू यानि और जापान की युमी तनाका को रोमांचक मुकाबले में पछाड़ते हुए 12.96 सेकंड में दौड़ पूरी की और चैंपियनशिप रिकॉर्ड बना डाला। यह जीत उनके तकनीकी कौशल और धैर्य की मिसाल बनी।
अविनाश साबले की ऐतिहासिक जीत
3000 मीटर स्टीपलचेज में राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी अविनाश साबले ने दबदबे के साथ स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 8:20.92 सेकंड का समय निकालते हुए जापान और कतर के धावकों को पीछे छोड़ा। यह जीत 1989 के बाद इस स्पर्धा में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक है, जो अविनाश की ऐतिहासिक उपलब्धि को दर्शाता है।
महिला रिले टीम ने रचा इतिहास
महिलाओं की 4×400 मीटर रिले टीम, जिसमें जिश्ना मैथ्यू, रूपल चौधरी, कुंजा राजिता और सुभा वेंकटेशन शामिल थीं, ने 3:34.19 सेकंड में दौड़ पूरी कर 12 साल बाद इस इवेंट में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। यह जीत टीम स्पिरिट और सामूहिक प्रयास का बेहतरीन उदाहरण रही।
पुरुष टीम को मिला रजत
पुरुषों की 4×400 मीटर रिले टीम ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। जय कुमार, धर्मवीर चौधरी, मनु थेक्किनालिल साजी और विशाल टीके की टीम ने 3:03.67 सेकंड में दौड़ पूरी की और कतर से मामूली अंतर से पीछे रहकर रजत पदक जीता।
भारत का यह प्रदर्शन एशियाई स्तर पर उसकी बढ़ती ताकत को दर्शाता है और आने वाले ओलंपिक व विश्व प्रतियोगिताओं के लिए उम्मीदें भी जगाता है।