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उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव: मेयर और पार्षदों को कोई सैलरी नहीं, लेकिन मिलेगा राजनीतिक रुतबा

Uttarakhand Municipal Corporation Election: Mayor and councillors will not get any salary, but will get political status

मेयर और पार्षदों को आर्थिक लाभ नहीं, लेकिन मिलती हैं तमाम सुविधाएं
उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का शोर बढ़ता जा रहा है। हालांकि, इन पदों पर चुनावी संघर्ष के बावजूद मेयर और पार्षदों को कोई सैलरी नहीं मिलती है।

राजनीतिक रसूख बढ़ाने का मौका
पूर्व मेयर विनोद चमोली ने कहा कि मेयर का पद एक प्रतिष्ठा का प्रतीक है, जिसमें राजनीति में एक मजबूत कद और सम्मान मिलता है, हालांकि यह आर्थिक लाभ नहीं देता।

मेयर पद: आस्थाओं और प्रतिष्ठा का सवाल
चमोली ने बताया कि चुनाव का खर्च बढ़ सकता है, लेकिन यह व्यक्ति की प्रतिष्ठा और समाज में उसका स्टेटस बढ़ाने का एक जरिया है।

महत्वपूर्ण बुनियादी इकाई को मिलें अधिकार और सैलरी
राजनीतिक जानकार जय सिंह रावत ने कहा कि मेयर और अन्य स्थानीय निकायों को मंत्री जैसे अधिकार मिलने चाहिए, ताकि वे सशक्त रूप से कार्य कर सकें।

कोरोड़ों में बिकते हैं मेयर पद के टिकट
जय सिंह रावत ने यह भी बताया कि उत्तराखंड में मेयर के चुनावों के टिकट करोड़ों में बिक रहे हैं, जिससे भ्रष्टाचार और पारदर्शिता की समस्या खड़ी हो रही है।

मेयर को मंत्री जैसा अधिकार मिलने की आवश्यकता
रावत ने यह सुझाव दिया कि मेयर को कैबिनेट मंत्री जैसा स्टेटस और सैलरी मिलनी चाहिए ताकि वे सशक्त रूप से शहर के विकास में योगदान दे सकें।

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