
नई दिल्ली: आयकरदाताओं के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। जिन लोगों ने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, उनके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने समयसीमा को बढ़ा दिया है। अब करदाता 15 सितंबर 2025 तक आईटीआर फाइल कर सकते हैं। पहले यह अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 थी।
CBDT ने यह निर्णय ITR फॉर्म की अधिसूचना में देरी और हाल ही में किए गए महत्वपूर्ण बदलावों को ध्यान में रखते हुए लिया है। बोर्ड ने कहा है कि इन बदलावों में फॉर्मेट में संशोधन, फाइलिंग सिस्टम में जरूरी समायोजन और टीडीएस क्रेडिट की झलक जैसी बातें शामिल हैं, जिन्हें लागू करने में कुछ समय लग रहा है।
आसान और पारदर्शी फाइलिंग की तैयारी
ईवाई इंडिया के टैक्स विशेषज्ञ सोनू अय्यर ने बताया कि वित्त अधिनियम 2024 में किए गए संशोधनों को इस वर्ष के ITR फॉर्म में शामिल किया गया है। इनमें दावा की जा रही कटौतियों की विस्तृत रिपोर्टिंग और TDS सेक्शन कोड की सटीक जानकारी देना जरूरी होगा। साथ ही, 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के पूंजीगत लाभ को अलग-अलग दर्शाना भी जरूरी होगा।
बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि यह समयसीमा विस्तार उन व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और संस्थाओं पर लागू होगा जिन्हें ऑडिट करवाने की आवश्यकता नहीं है। ये सभी करदाता अब वित्तीय वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक) की आय पर आधारित अपना ITR 15 सितंबर 2025 तक फाइल कर सकते हैं।
CBDT के अनुसार, TDS विवरण 31 मई तक दाखिल किए जाते हैं और उनका क्रेडिट जून के पहले सप्ताह में दिखाई देने लगता है। ऐसे में समयसीमा न बढ़ाई जाती, तो करदाताओं को रिटर्न फाइल करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता।
सरकार ने पहले ही दी थी टैक्स में राहत
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने नए टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया है। इसके साथ ही 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपये तक की सैलरी पर भी कोई टैक्स नहीं देना होगा।
करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे 15 सितंबर 2025 से पहले ITR दाखिल कर दें, क्योंकि इसके बाद विलंब से फाइल करने पर पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।