
ऋषिकेश: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के चेयरमैन जय शाह 5 मई को अपने परिवार के साथ आध्यात्मिक नगरी ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचे। उनके साथ उनकी पत्नी ऋषिता पटेल और माता सोनल अमित शाह भी मौजूद रहीं। इस मौके पर सभी ने मां गंगा की आरती में भाग लिया और परमार्थ निकेतन की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय यात्रा का अनुभव किया।
गंगा तट पर आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हुआ वातावरण
शाम के समय जब गंगा आरती आरंभ हुई, तब पूरे माहौल में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार हो गया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने शाह परिवार का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें हिमालयी परंपरा की निशानी स्वरूप रुद्राक्ष का पौधा भेंट किया।
आध्यात्मिकता और नेतृत्व का मेल
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने जय शाह के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक ऐसे युवा नेता हैं, जो आध्यात्मिक मूल्यों और आधुनिक सोच के बीच संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जय शाह के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों और संरचनात्मक मजबूती मिली है।
क्रिकेट में पारदर्शिता और नवाचार की नई दिशा
जय शाह के कार्यकाल में भारतीय क्रिकेट प्रशासन ने पारदर्शिता, नवाचार और कार्यकुशलता को नई परिभाषा दी है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट को मजबूत करने से लेकर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का प्रभावशाली संचालन तक हर क्षेत्र में संगठित और निर्णायक नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।
एशियाई क्रिकेट में भारत की भूमिका को किया सशक्त
ICC चेयरमैन के रूप में जय शाह ने एशिया में क्रिकेट के विकास और समावेशी विस्तार के लिए एक ठोस मार्ग तैयार किया है। उनकी दूरदर्शिता, युवा ऊर्जा और राष्ट्र के प्रति समर्पण आज क्रिकेट जगत के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं।
इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान, क्रिकेट और संस्कृति के संगम का यह दृश्य भारत की बदलती तस्वीर को दर्शाता है, जहां आध्यात्मिक चेतना और खेल नेतृत्व एक साथ राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रसर हैं।