हाल ही मे पंचायत चुनावों का आरक्षण घोषित हुआ जिसमे झबरेड़ा नगर पंचायत अनारक्षित रखी गई इसके बाद अब मुक़ाबला बेहद दीपचस्प हो गया है जहाँ भाजपा के पास भी चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों की लम्बी सूची है।
तो कांग्रेस दो ही चेहरों मे उलझ कर रह जाएगी एक और जहाँ कांग्रेस के ओबीसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष डॉ गौरव चौधरी जो पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष भी रह चूके है टिकट की दावेदारी पेश कर रहे है।
तो दूसरी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राव कुर्बान अली जो पूर्व जिला अध्यक्ष किसान कांग्रेस, अल्पसंख्यक विभाग, और प्रदेश सचिव भी रह चूके है पिछले चुनाव मे भी इन दोनों ही चेहरों ने कांग्रेस से दावेदारी की थी जहाँ कांग्रेस पार्टी ने डॉ गौरव पर भरोसा जताया था उनको 1900 वोट हासिल हुई थी लेकिन पार्टी के फैसले से नाराज़ राव कुर्बान अली भी आम आदमी पार्टी से चुनाव मैदान मे उतरे थे और 1700 वोट हासिल करके अपनी ताकत का एहसास कराया था करीबी चुनाव मे बीजेपी के उम्मीदवार के हाथ जीत लगी थी।
चुनाव मे हार के फ़ौरन बाद डॉ गौरव ने पाला बदलकर भाजपा का दामन थाम लिया था।
वही राव कुर्बान फिरसे अपनी पार्टी कांग्रेस मे लौट आये थे।
लेकिन अपने पुराने चेहरे राव कुर्बान अली को नजरअंदाज़ करना कांग्रेस को भारी पड़ा था लोगो का ये भी कहना था की कांग्रेस ने यदि राव कुर्बान को टिकट दिया होता तो परिणाम कांग्रेस के पक्ष मे होते।
झबरेड़ा मे अल्पसंख्यक समाज का वोट लगभग पचास फीसदी है ऐसे मे अल्पसंख्यक समुदाय के नेता को नजर अंदाज़ करना कांग्रेस को फिर भारी पड़ सकता है।