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ज्योतिर्मठ पुनर्निर्माण: केंद्र से मिली 1600 करोड़ की सैद्धांतिक मंजूरी, राज्य को रिपोर्ट तैयार करनी होगी

Jyotirmath reconstruction: In-principle approval of Rs 1600 crore received from the Center, state will have to prepare a report

चरणबद्ध बजट के लिए राज्य से मांगी गई प्राथमिकता रिपोर्ट
देहरादून: ज्योतिर्मठ (पुराना नाम जोशीमठ) पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 1600 करोड़ रुपए के बजट की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि, राज्य सरकार को केंद्रीय सहायता प्राप्त करने से पहले चरणबद्ध कार्यों की रिपोर्ट तैयार करनी होगी। केंद्र सरकार ने राज्य को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्निर्माण की योजनाओं का खाका तैयार करने का निर्देश दिया है।

चरणबद्ध रूप में जारी होगा बजट
बजट को चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा, जिसके लिए राज्य को प्रत्येक चरण में किए जाने वाले कार्यों का विवरण केंद्र सरकार को प्रस्तुत करना होगा। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा कि केंद्र सरकार का निर्णय पुनर्निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए है।

ज्योतिर्मठ पुनर्निर्माण के लिए प्राथमिकताएं तय करना जरूरी
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि पुनर्निर्माण कार्यों में प्राथमिकता ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने, पानी के रिसाव को रोकने और दरारों के ट्रीटमेंट पर दी जाएगी। पहले चरण में इन कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

पुनर्निर्माण कार्यों की पृष्ठभूमि
ज्योतिर्मठ में दरारें आने के बाद प्रभावित परिवारों को विस्थापित किया गया और आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति का अध्ययन कर केंद्र से सहायता मांगी। इसके बाद केंद्र ने 1600 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया। हालांकि, बजट जारी होने में अभी समय लग सकता है क्योंकि राज्य को चरणबद्ध योजना और प्राथमिकताओं पर रिपोर्ट तैयार करनी होगी।

आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियां
विभाग के अधिकारी जल्द ही केंद्र सरकार से संपर्क कर बजट की स्वीकृति प्रक्रिया को तेज करेंगे। पहले चरण की रिपोर्ट पर काम किया जा रहा है, जिसमें दरारों के उपचार और जल प्रबंधन पर विशेष जोर दिया जाएगा।

बजट जारी होने में लग सकता है समय
बजट की सैद्धांतिक मंजूरी के बावजूद अलग-अलग चरण में योजनाओं को प्रस्तुत करने और केंद्र की स्वीकृति लेने में समय लग सकता है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं।

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