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भूस्खलन से केदारनाथ यात्रा मार्ग बाधित, यात्रियों को 6 किमी का वैकल्पिक रास्ता तय करना पड़ा

Kedarnath Yatra route blocked due to landslide, pilgrims had to take an alternative route of 6 km

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में जारी प्री-मानसून बारिश का असर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर साफ देखा गया। सोमवार देर रात हुई मूसलाधार वर्षा के कारण मुनकटिया के पास पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरने लगे, जिससे यात्रा मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और उन्हें सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोक दिया।

मलबा हटाने में आई दिक्कतें, वैकल्पिक रास्ता बना सहारा

लगातार गिर रहे पत्थरों के चलते मार्ग को खोलने का कार्य बाधित रहा। संबंधित कार्यदायी संस्था ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से मलबा हटाने का प्रयास शुरू किया, लेकिन मौसम खराब होने के कारण काम धीमा पड़ गया। इस बीच, तीर्थयात्रियों को 6 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक पैदल रास्ता तय करना पड़ा, जिससे वे अपनी यात्रा जारी रख सकें।

पैदल रास्ता खुलते ही शुरू हुआ सीमित आवागमन

बारिश थमने और मलबा कुछ हद तक साफ होने के बाद प्रशासन ने क्षेत्र को पैदल पार करने योग्य बनाया। इसके बाद यात्रियों को छोटे-छोटे समूहों में सुरक्षित रूप से उस स्थान से पार कराया गया। गौरीकुंड और सोनप्रयाग में रुके अन्य यात्रियों को भी धीरे-धीरे आगे भेजा गया। पूरी कार्रवाई में पुलिस, SDRF और प्रशासनिक कर्मियों ने समन्वय से कार्य किया।

वाहन संचालन भी हुआ बहाल, लेकिन सतर्कता जारी

जब यात्रियों की संख्या कम हुई और मौसम कुछ सुधरा, तब दोबारा मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया। कुछ ही समय में मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए भी आंशिक रूप से सुचारु कर दिया गया। हालांकि, प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए यात्रियों से आग्रह किया है कि वे यात्रा के दौरान मौसम पूर्वानुमान को प्राथमिकता दें।

गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग बना चुनौतीपूर्ण

लगातार बारिश की वजह से गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का पैदल मार्ग बेहद कठिन हो गया है। जगह-जगह फिसलन और पत्थर गिरने की घटनाएं यात्रा में जोखिम पैदा कर रही हैं। तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया गया है कि वे बिना सुरक्षा जानकारी के आगे न बढ़ें।

एसपी ने दी सलाह—मौसम देखकर करें यात्रा की योजना

रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा का निर्णय लें। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे सुरक्षा निर्देशों का पालन करना बेहद आवश्यक है, जिससे किसी भी आपात स्थिति से बचा जा सके।

प्रशासन ने कसी कमर, यात्रा संचालन पर पूरी निगरानी

प्रशासन की ओर से बताया गया कि मौसम पर लगातार नजर रखी जा रही है और आवश्यकतानुसार यात्रा को रोका या चालू किया जाएगा। प्रशासन ने यह भी साफ किया है कि किसी भी तीर्थयात्री को खतरे में नहीं डाला जाएगा और हरसंभव राहत कार्य तत्परता से किए जा रहे हैं।

सुरक्षित यात्रा के लिए श्रद्धालुओं से की अपील

अंत में प्रशासन और पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे संयम बरतें और निर्देशों का पालन करें। बिना मौसम अपडेट और प्रशासन की अनुमति के कठिन मार्गों पर न जाएं। उनकी सुरक्षा ही सर्वोपरि है और सभी प्रयास इसी दिशा में किए जा रहे हैं।

 

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