लोहड़ी कब मनाई जाती है?
लोहड़ी का त्योहार हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह सिखों और पंजाब क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे लोग हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाते हैं। इस साल लोहड़ी का त्योहार 13 जनवरी 2025, सोमवार को मनाया जाएगा।
लोहड़ी पर अग्नि में तिल और मूंगफली डालने की परंपरा
लोहड़ी के दिन, परिवार के लोग एक साथ मिलकर आग जलाते हैं और उसकी परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा के दौरान अग्नि में तिल और मूंगफली डालने की परंपरा निभाई जाती है। यह प्रथा कई सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहलुओं से जुड़ी है।
तिल और मूंगफली का महत्व
अच्छी फसल और समृद्धि की कामना
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- लोहड़ी का पर्व फसल कटाई और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का त्योहार है।
- अग्नि में तिल और मूंगफली डालकर अग्नि देवता का आशीर्वाद मांगा जाता है।
- यह परंपरा अच्छी फसल, परिवार की समृद्धि और सौभाग्य की कामना से जुड़ी है।देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना
- मान्यता है कि मूंगफली देवी लक्ष्मी का पसंदीदा भोजन है।
- मूंगफली को अग्नि में डालकर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने और परिवार में सुख-समृद्धि लाने की कामना की जाती है।बुरी नजर से बचाव और स्वास्थ्य लाभ
- लोहड़ी की अग्नि में तिल डालने से बुरी नजर और नकारात्मकता से छुटकारा पाने का विश्वास है।
- सर्दियों में तिल और मूंगफली का सेवन स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है। तिल शरीर को गर्म रखने में सहायक होते हैं।परिवार और सामुदायिक एकता का प्रतीक
- लोहड़ी की अग्नि में तिल और मूंगफली डालते समय परिवार और समुदाय एक साथ मिलकर त्योहार का आनंद लेते हैं।
- यह परंपरा एकजुटता और सहयोग का संदेश देती है।
लोहड़ी और प्रकृति का मेल
लोहड़ी न केवल एक सांस्कृतिक त्योहार है, बल्कि यह प्रकृति और कृषि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम भी है। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि मानव जीवन में प्रकृति और समुदाय का कितना महत्व है।
तिल और मूंगफली जैसी सामग्री का उपयोग करना न केवल प्रतीकात्मक है, बल्कि यह हमारी जड़ों और परंपराओं को बनाए रखने का भी एक जरिया है।
इस साल लोहड़ी पर अग्नि के चारों ओर परिवार और दोस्तों के साथ एकजुट होकर इस परंपरा का पालन करें और खुशहाली की कामना करें!