
टोरंटो: कनाडा के पूर्व केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा शुरू किए गए व्यापार युद्ध, कनाडा के संभावित विलय की धमकी और आगामी आम चुनाव की अटकलों के बीच देश को आगे बढ़ाने की चुनौती का सामना करेंगे।
ट्रूडो की जगह कार्नी संभालेंगे सत्ता
59 वर्षीय मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की जगह ली, जिन्होंने इस साल जनवरी में इस्तीफे की घोषणा की थी। हालांकि, लिबरल पार्टी द्वारा नया नेता चुने जाने तक ट्रूडो पद पर बने रहे। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, आने वाले दिनों या हफ्तों में कार्नी आम चुनाव की घोषणा कर सकते हैं।
ट्रंप की धमकी से बदले चुनावी समीकरण
इस साल के आम चुनाव में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी की हार की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर ‘‘आर्थिक युद्ध’’ छेड़ते हुए इसे अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की धमकी दी। इस नए घटनाक्रम से लिबरल पार्टी को चुनाव में फायदा मिलने की उम्मीद की जा रही है।
कनाडा पर अमेरिकी व्यापार युद्ध की मार
ट्रंप प्रशासन ने कनाडा के इस्पात और एल्युमीनियम पर 25% शुल्क लगा दिया है और 2 अप्रैल से सभी कनाडाई उत्पादों पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा की है। इस फैसले ने कनाडा की अर्थव्यवस्था को झटका दिया है और कार्नी सरकार के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती बन सकती है।
कार्नी की सरकार में होगा छोटा मंत्रिमंडल
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मार्क कार्नी के नए मंत्रिमंडल का आकार मौजूदा ट्रूडो सरकार की तुलना में आधा हो सकता है। संभावना जताई जा रही है कि उनके मंत्रिमंडल में 15 से 20 मंत्री होंगे, जबकि वर्तमान में प्रधानमंत्री सहित कुल 37 मंत्री हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मार्क कार्नी इन राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से कैसे निपटते हैं और कनाडा के लिए नई दिशा निर्धारित करते हैं।