
नई दिल्ली: एलन मस्क के स्वामित्व वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) ने भारत सरकार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह विवाद आईटी अधिनियम की धारा 79(3)(b) के उपयोग को लेकर है, जिसके तहत भारत सरकार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ कंटेंट को प्रतिबंधित करने का अधिकार रखती है। X का तर्क है कि यह धारा सरकार को इस प्रकार की कार्रवाई करने का अधिकार नहीं देती और यह आईटी अधिनियम की धारा 69A के तहत मिलने वाली कानूनी सुरक्षा को दरकिनार करता है।
X ने ‘सहयोग’ पोर्टल को बताया सेंसरशिप टूल
भारत सरकार ने हाल ही में एक डिजिटल निगरानी प्रणाली ‘सहयोग’ पोर्टल लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य सोशल मीडिया कंपनियों और सरकार के बीच बेहतर समन्वय बनाना बताया गया है। हालांकि, X ने इस पोर्टल से जुड़ने से इंकार कर दिया है। कंपनी का कहना है कि यह एक प्रकार का सेंसरशिप टूल है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
X ने अपनी याचिका में सरकार के फैसलों को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह उपयोगकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का हनन करता है। कंपनी का दावा है कि यह कानूनी प्रक्रियाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है।
भारत में टेस्ला और स्पेसएक्स की एंट्री की तैयारी
एलन मस्क न केवल X के माध्यम से भारत सरकार की नीतियों को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि अपनी अन्य कंपनियों – टेस्ला और स्पेसएक्स के लिए भारत में विस्तार की संभावनाएं भी तलाश रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन और बिक्री के लिए सरकारी मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है। इसी तरह, स्पेसएक्स भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा ‘स्टारलिंक’ लॉन्च करने के लिए लाइसेंसिंग की प्रक्रिया में है।
मस्क बनाम भारत सरकार: आगे क्या?
यह पहली बार नहीं है जब X (ट्विटर) और भारत सरकार के बीच टकराव हुआ है। इससे पहले भी भारत में कुछ विवादित कंटेंट हटाने को लेकर X और सरकार के बीच टकराव देखा गया था।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय अदालत X की याचिका पर क्या रुख अपनाती है और क्या यह मामला सोशल मीडिया कंपनियों के लिए एक मिसाल बन सकता है। साथ ही, यह भी स्पष्ट नहीं है कि X का भारत में संचालन जारी रहेगा या नहीं।
दूसरी ओर, मस्क की कंपनियों के भारत में निवेश और विस्तार को लेकर सरकार क्या फैसला लेगी, यह भी एक महत्वपूर्ण पहलू होगा। क्या सरकार मस्क की कानूनी लड़ाई को उनकी कंपनियों के भारत में प्रवेश पर प्रभाव डालने देगी, या दोनों मुद्दों को अलग-अलग देखा जाएगा? यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा।