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मुकेश अंबानी की संपत्ति फिर 100 अरब डॉलर के पार, भारतीय अरबपतियों की दौलत में जबरदस्त उछाल

Mukesh Ambani's wealth again crosses $100 billion, tremendous jump in the wealth of Indian billionaires

मुंबई, 30 अप्रैल – वैश्विक व्यापार तनावों में कमी और विदेशी निवेशकों की भारी दिलचस्पी के चलते भारतीय शेयर बाजारों में मार्च के मध्य से जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। इस उछाल का सीधा असर देश के अरबपतियों की संपत्ति पर पड़ा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की संपत्ति एक बार फिर 100 अरब डॉलर के पार पहुंच गई है।


ब्लूमबर्ग डेटा: अंबानी बने सबसे बड़े लाभार्थी

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, मुकेश अंबानी की संपत्ति मार्च 2024 में 81 बिलियन डॉलर तक गिर गई थी। लेकिन अप्रैल तक इसमें लगभग 20 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई, जिससे उनकी कुल नेटवर्थ 100 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई। अंबानी अब वैश्विक स्तर पर सबसे अमीर 16 व्यक्तियों की सूची में फिर से शामिल हो गए हैं।


रिलायंस और जियो फाइनेंशियल ने बढ़ाई संपत्ति

रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयरों में तेज उछाल से अंबानी की संपत्ति में तेजी से सुधार हुआ। मार्च और अप्रैल के निचले स्तरों की तुलना में इन दोनों कंपनियों के शेयर क्रमशः 25% और 29% तक चढ़े हैं। हालांकि, अंबानी की मौजूदा नेटवर्थ अभी भी जुलाई 2024 में दर्ज की गई 120.8 बिलियन डॉलर की ऐतिहासिक ऊंचाई से लगभग 20% कम है।


गौतम अडाणी की संपत्ति में भी जबरदस्त सुधार

भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडाणी की संपत्ति में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। उनकी नेटवर्थ 14.5 बिलियन डॉलर बढ़कर अब 77.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। हालांकि, यह अब भी जून 2024 में दर्ज की गई उनकी रिकॉर्ड संपत्ति 120.8 बिलियन डॉलर से 57% कम है।


अन्य उद्योगपतियों को भी मिला मुनाफा

अन्य प्रमुख लाभार्थियों में सन फार्मा के दिलीप सांघवी और भारती एयरटेल के सुनील मित्तल शामिल हैं। सांघवी की संपत्ति मार्च के निचले स्तर से 4.9 बिलियन डॉलर बढ़कर 28.8 बिलियन डॉलर हो गई है। वहीं सुनील मित्तल की संपत्ति अब 27.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है, जो उनके सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से केवल 1% कम है।


निवेशकों का भरोसा लौटा, बाजार बना संपत्ति वृद्धि का इंजन

मार्च के बाद से विदेशी निवेश में आई तेजी और घरेलू बाजारों की स्थिरता ने भारत के दिग्गज उद्योगपतियों की संपत्ति को फिर से बढ़ाया है। यह ट्रेंड दिखाता है कि भारत की अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक निवेशकों का विश्वास मजबूत हो रहा है, जो कि अरबपतियों की दौलत में ताजा उछाल का प्रमुख कारण है।

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